पंडित मदन मोहन मालवीय
✍️ बिजेन्द्र कुमार तिवारी (बिजेन्दर बाबू)
पंडित मदन मोहन मालवीय ( 25-12-2025 से 12-11-1946) एक महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद, वकील, पत्रकार और समाज सुधारक थे। उन्होंने मातृभाषा और देश सेवा में अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया। वे भारत के पहले और अन्तिम व्यक्ति थे जिन्हें 'महामना' की सम्मानजनक उपाधि से विभूषित किया गया। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की स्थापना की, जो उनकी सबसे बड़ी विरासत है। उन्होंने पत्रकारिता, वकालत के साथ-साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चार बार भारतीय राष्ट्रीय काॅग्रेस का अध्यक्ष रहकर उन्होंने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 24 दिसंबर 2014 को मरणोपरांत उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया। उनके श्री चरणों में श्रद्धा के दो शब्द:-
भारत माँ के प्यार थे
नेता नहीं, न थे अभिनेता, करुणा के अवतार थे
परम तपस्वी, महामना जी, भारत मांँ के प्यार थे।
पौष कृष्ण अष्टमी तिथि के संध्या समय सुहाये
ब्रजनाथ मूना देवी के, गोद में वे थे आये।
जगमग हुआ धरा का आंगन, किये बहुत सत्कार थे
परम तपस्वी महामना जी, भारत मांँ के प्यार थे।
श्री कृष्ण के परम भक्त थे, प्रिय ग्रंथ थी गीता
वाणी इनकी अति मधुर थी, पावन परम पुनीता।
भारत के राजनीतिक क्षितिज पर पथस्रष्टा पत्रकार थे
परम तपस्वी महामना जी भारत मांँ के प्यार थे।
शिक्षाविद ये धर्मप्रवक्ता, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक थे
सेनानी युग द्रष्टा थे और, एक अच्छे अध्यापक थे।
सद्गुण इनका सब जग जाने, ये तो राज दुलार थे
परम तपस्वी महामना जी भारत मांँ के प्यार थे।
इनके सत्कर्मों के आगे नतमस्तक है देश
यश की गाथा गाता हरदम भारत का परिवेश।
भारत रत्न भी धन्य हुआ वो तो ऐसे उपहार थे
परम तपस्वी महामना जी भारत मांँ के प्यार थे।
उनकी गाथा गायें पदचिह्नों पर कदम बढ़ायें
दिव्य पुरुष के श्री चरणों में श्रद्धा शीश झुकायें।
'सर' की उपाधि ठुकरा दी वो तो इतने खुद्दार थे
परम तपस्वी महामना जी भारत मांँ के प्यार थे।
बिजेन्द्र कुमार तिवारी (बिजेन्दर बाबू)
गैरतपुर, मांझी, सारण, बिहार
मोबाइल नंबर:- 7250299200


