सारण में जनवरी में होगा फरोग-ए-उर्दू सेमिनार व भव्य मुशायरा, विद्वानों का पैनल गठित
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: बिहार सरकार के उर्दू निदेशालय के तत्वावधान में उर्दू भाषा और साहित्य के विकास तथा उसके व्यापक प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से आयोजित होने वाला वार्षिक फरोग-ए-उर्दू सेमिनार एवं मुशायरा आगामी जनवरी माह में छपरा में आयोजित किया जाएगा। यह निर्णय शुक्रवार की संध्या सारण समाहरणालय स्थित जिला उर्दू भाषा कोषांग में आयोजित बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता कोषांग की प्रभारी पदाधिकारी जेबा अर्शी ने की।
बैठक के दौरान प्रभारी पदाधिकारी जेबा अर्शी ने बताया कि उर्दू निदेशालय के निर्देश के आलोक में एक विशेषज्ञ पैनल का गठन किया गया है, जिसकी यह पहली बैठक थी। पैनल में उर्दू भाषा एवं साहित्य के सक्रिय विद्वानों को शामिल किया गया है, जिनमें विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के विभागाध्यक्ष प्रमुख रूप से सम्मिलित हैं। उन्होंने पैनल को और अधिक सशक्त बनाने के लिए अन्य योग्य नामों को जोड़ने का प्रस्ताव भी रखा।
बैठक में सेमिनार को सफल, प्रभावशाली और भव्य रूप देने को लेकर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। इस क्रम में सीनियर आलेख पाठक, डेलीगेट तथा जूनियर आलेख पाठक के रूप में आमंत्रित किए जाने वाले विद्वानों के नामों पर चर्चा हुई। साथ ही आलेख के विषय निर्धारण पर भी सहमति बनी, जिसमें उर्दू भाषा एवं साहित्य के विकास में स्थानीय योगदान को विशेष रूप से शामिल करने का निर्णय लिया गया।
इसके अतिरिक्त, सेमिनार के साथ आयोजित होने वाले मुशायरे को भव्य स्वरूप देने का भी निर्णय लिया गया। मुशायरे में कुल दस शायरों को आमंत्रित किया जाएगा, जिनमें स्थानीय शायरों के साथ-साथ अन्य जिलों एवं बाहर के प्रसिद्ध शायर भी शामिल होंगे, ताकि कार्यक्रम की साहित्यिक गरिमा और आकर्षण और बढ़ सके।
बैठक में प्रो. मजहर किबरिया, प्रो. अलाउद्दीन खान, प्रो. मोहम्मद हसीब, प्रो. अब्दुल खालिक, प्रो. असलम, नदीम अहमद, मोहम्मद हारून, रेश्मा तबस्सुम सहित कई साहित्यप्रेमी एवं उर्दू विद्वान उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपने-अपने सुझाव दिए और उर्दू भाषा के संवर्धन हेतु सामूहिक प्रयास पर बल दिया।

