लद्दाख के उपराज्यपाल ने किया डॉ. सीताराम आठिया की 11 पुस्तकों का भव्य विमोचन, अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में सागर का गौरव बढ़ा
नई दिल्ली: संवाददाता प्रेरणा बुड़ाकोटी: नई दिल्ली में विश्व हिंदी परिषद द्वारा 21–22 नवंबर 2025 को विज्ञान भवन में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में साहित्य और भाषा सेवा का भव्य संगम देखने को मिला। इस सम्मेलन में सागर जिले से डॉ. बी. डी. पाठक, महेंद्र लोधी, शिक्षक शिवम् शर्मा तथा साहित्यकार डॉ. सीताराम आठिया ने सहभागिता करते हुए अपने शोधपत्रों का वाचन किया। सम्मेलन का मुख्य आकर्षण रहा डॉ. सीताराम आठिया की 11 महत्वपूर्ण पुस्तकों का सामूहिक विमोचन, जिसे लद्दाख के उपराज्यपाल डॉ. कवींद्र गुप्ता, पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा, विश्व हिंदी परिषद के पदाधिकारी एवं कई राष्ट्रस्तरीय विद्वानों की उपस्थिति में संपन्न किया गया।
सागर जिले की देवरी तहसील में स्वास्थ्य विभाग में पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत डॉ. आठिया मूल रूप से एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज सेवा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अनेक नवाचार किए हैं। इन्हीं उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें सैकड़ों राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 2023 में विज्ञान भवन में आयोजित इसी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पहली बार भाग लेने के बाद उन्हें हिंदी सेवा और साहित्य के क्षेत्र में योगदान बढ़ाने की प्रेरणा मिली।
एक वर्ष के भीतर उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में सहभागिता करते हुए करीब 100 शोधपत्र प्रस्तुत किए तथा कई ISBN संपादित पुस्तकों का प्रकाशन सुनिश्चित किया। साहित्य सेवा को व्यापक स्तर पर आगे बढ़ाने के उद्देश्य से उन्होंने 8 मार्च 2024 को ‘दीपशिखा 501 पुस्तक श्रृंखला’ नामक निशुल्क प्रकाशन योजना प्रारंभ की, जिसके अंतर्गत 101 शहरों से 501 पुस्तकों के प्रकाशन का लक्ष्य निर्धारित किया गया। केवल डेढ़ वर्ष की अवधि में ही उनके द्वारा 35 पुस्तकें प्रकाशित तथा 15 प्रकाशनाधीन हैं। इस योजना से देश-विदेश के 120 संपादक और लगभग दस हजार साहित्यकार जुड़े हुए हैं।
अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में लोकार्पित उनकी 11 पुस्तकें हिंदी सिनेमा, महिला साहित्य, दलित साहित्य, प्रवासी भारतीय साहित्य, प्रशासन में महिलाओं की भूमिका, भारतरत्न प्राप्त व्यक्तित्वों, हिंदी सिनेमा के अभिनेता, सुषमा स्वराज और किरण बेदी जैसे राष्ट्रीय प्रतीकों पर आधारित हैं। ये पुस्तकें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, फरीदाबाद, बिलासपुर और बेंगलुरु स्थित प्रतिष्ठित प्रकाशन संस्थानों से प्रकाशित हुई हैं। इसी कार्यक्रम में डॉ. विजय पाटिल (बड़वानी) की भी सात पुस्तकों का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में देश-विदेश से लगभग पांच सौ प्रोफेसर, शोधार्थी, साहित्यकार, पत्रकार और विद्वान उपस्थित रहे।
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