हिंदी महिला समिति ने करवाचौथ उत्सव में दी सामाजिक समरसता की मिसाल, ‘किन्नर मां’ जरीना नायक रहीं मुख्य अतिथि
नागपुर (महाराष्ट्र): शहर की प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था हिंदी महिला समिति द्वारा करवाचौथ के पावन अवसर पर एक भव्य सांस्कृतिक व सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसने समाज को समरसता और समानता का अनोखा संदेश दिया। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ‘किन्नर मां’ जरीना नायक रहीं, जबकि विशेष अतिथि सुधा उपाध्याय थीं।
संस्था की अध्यक्ष रति चौबे, कार्याध्यक्ष डा. चित्रा तूर, उपाध्यक्ष सुजाता दुबे, सचिव रश्मि मिश्रा, कोषाध्यक्ष ममता विश्वकर्मा, और डा. कविता परिहार ने दीपप्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया तथा सभी अतिथियों का शाल और स्मृति-चिह्न देकर सम्मान किया।
इस अवसर पर नागपुर बाजार पत्रिका की संपादक ज्योति द्विवेदी अपनी मीडिया टीम के साथ मौजूद रहीं और कार्यक्रम का कवरेज किया।
💠 किन्नर समुदाय के प्रति सम्मान का संदेश
कार्यक्रम की सबसे विशेष बात रही ‘किन्नर मां’ जरीना नायक व उनकी गुरु टोली की गरिमामय उपस्थिति। कार्यक्रम में रति चौबे ने कहा—
“किन्नर आज के समाज में नहीं, बल्कि प्राचीन काल से पूजनीय रहे हैं। रामायण, महाभारत और कादंबरी जैसे ग्रंथों में उनका उल्लेख मिलता है। वे अर्धनारीश्वर का स्वरूप हैं, भावनाओं और संवेदनाओं से ओतप्रोत हैं, इसलिए उन्हें सम्मान मिलना चाहिए, उपेक्षा नहीं।”
उन्होंने आगे बताया कि तमिलनाडु में किन्नरों के देवता अरावन का मंदिर है, जबकि गुजरात के मेहसाणा में देवी बहुचरा माता की पूजा होती है।
कार्यक्रम में हिना गुरु, राखी गुरु, और अन्य किन्नर बहनों — सिमरन, करीना, प्रीति, राखी, अर्चना, मिष्टी, सुप्रिया, शिवांगी, शगुन, गायत्री — का भी सम्मान किया गया। इन सभी ने शिवगीत गाकर और ढोलक पर नृत्य प्रस्तुत कर पूरे वातावरण को उल्लासपूर्ण बना दिया।
💃 नृत्य-गीतों ने बांधा समां
संस्था की सदस्य बहनों ने एक से एक नृत्य-गीत प्रस्तुत किए। अनिता गायकवाड़ ने ‘मयका’ पर, संगीता बैस ने ‘चंद्रकांता’ पर, और संतोष बुधराजा ने ‘चंद्रिका’ पर शानदार प्रस्तुति देकर सम्मान प्राप्त किया।
गीतों की बौछार में रेखा तिवारी, अर्चना चौरसिया, अपराजिता राजौरिया, वर्षा गुप्ता, किरण हटवार, सुरेखा खरे, शुभांगी बाध, रश्मि मिश्रा, चंद्रकला भरतिया, और लक्ष्मी वर्मा ने समां बाँध दिया।
🌙 करवाचौथ का उल्लास, समरसता का सन्देश
कार्यक्रम का संचालन रेखा पांडेय ने किया, निर्णायक के रूप में हेमलता मिश्र और डा. कविता परिहार मौजूद रहीं। कार्यक्रम का संयोजन डा. चित्रा तूर व रति चौबे ने किया तथा आभार ममता विश्वकर्मा ने व्यक्त किया।
इस भव्य आयोजन ने यह संदेश दिया कि समाज की असली सुंदरता तभी संभव है जब हर वर्ग — चाहे वह किसी भी लिंग, जाति या पहचान से जुड़ा हो — समान सम्मान और स्वीकार्यता पाए।


