नवरात्रि पर स्त्री शक्ति संगठन ने मातृत्व व बाल देखभाल पर रखा विचार, समान जिम्मेदारी पर जोर
रोहतक (हरियाणा): स्त्री शक्ति संगठन की अध्यक्ष ममता शर्मा के नेतृत्व में नवरात्रि के चौथे दिन "मातृत्व: बाल देखभाल" विषय पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संगठन की मुख्य अध्यक्षा ममता शर्मा, मीडिया प्रभारी डॉ. प्रेरणा बुडाकोटी, डॉ. अंजना, मनोवैज्ञानिक ममता शर्मा, प्रीति जायसवाल, वेदिक गणित शिक्षिका मंजूषा दुग्गल, शिक्षिका कीर्ति, वत्सला दीदी, प्रतिभा, सुधा, शशि एवं अन्य बहनों ने अपनी सहभागिता दी।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि मातृत्व केवल जन्म देने का नाम नहीं है, बल्कि यह शक्ति, संवेदना और बराबरी का प्रतीक है। सदियों से पितृसत्तात्मक सोच ने माँ को केवल त्याग और सेवा की प्रतिमा के रूप में स्थापित कर उसकी आवाज़ को दबाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चों की देखभाल सिर्फ़ माँ की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पिता, परिवार और पूरे समाज की समान जिम्मेदारी है।
वक्ताओं ने कहा कि एक सशक्त माँ वही है जो अपने सपनों को जीते हुए बच्चे को प्यार, सुरक्षा और स्वतंत्रता का पाठ पढ़ाए। मातृत्व को बंधन नहीं, बल्कि शक्ति का उत्सव बनाने की जरूरत है। इसके लिए समान अभिभावक अवकाश, कार्यस्थलों पर क्रेच और लचीले समय का अधिकार जरूरी है।
सभी ने सामूहिक स्वर में कहा कि हमें मातृत्व का सम्मान करना होगा, पितृसत्ता का नहीं। जब हर माँ अपनी पूरी पहचान और स्वतंत्रता के साथ जीवन जी सकेगी, तभी आने वाली पीढ़ी सशक्त नागरिक के रूप में आगे बढ़ेगी।