फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम पर किया गया उन्मुखीकरण, सीएचओ की भूमिका पर की गयी चर्चा
• राज्य फ़ाइलेरिया कार्यालय एवं पिरामल फाउंडेशन के तत्वावधान में कार्यशाला का किया गया आयोजन
सारण (बिहार): राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान में राज्य के सभी 38 जिलों से आए डी.पी.सी. का फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम पर उन्मुखीकरण किया गया. कार्यक्रम में फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में सी.एच.ओ. की भूमिका की महत्ता पर चर्चा की गयी. सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए अपर निदेशक सह राज कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया डॉ. श्यामा राय ने कहा कि फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में सी.एच.ओ. की महत्वपूर्ण भूमिका है क्यूंकि उनका सीधा संवाद जनता से होता है. उन्होंने कहा कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर पंचायत स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का प्रथम पॉइंट है. उन्होंने सभी डी.पी.सी. से अपने जिले के सी.एच.ओ. को प्रशिक्षित करने पर बल दिया.
आयुष्मान आरोग्य मंदिर के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. मनोज ने बताया सभी सी.एच.ओ. को फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के लिए सशक्त रूप से प्रशिक्षित करने की जरुरत है. पिरामल फाउंडेशन के तकनीकी एक्सपर्ट, एन.टी.डी. डॉ. इंद्रनाथ बनर्जी ने फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम एवं कालाजार उन्मूलन के विभिन्न चरणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि एम.एम.डी.पी. फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण अंग है.
राज्य में फ़ाइलेरिया के 1.60 लाख मरीज हैं चिन्हित:
प्रतिभागियों का उन्मुखीकरण करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्टेट एन.टी.डी. कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेश पांडेय ने बताया कि अभी राज्य में फ़ाइलेरिया के 1.60 लाख मरीज चिन्हित हैं. उन्होंने फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम एवं कालाजार के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि राज्य के 15 प्रतिशत क्षेत्र में फ़ाइलेरिया के प्रसार को कम करने में सफलता प्राप्त हुई है. उन्होंने प्रतिभागियों के सवालों का जवाब देकर उनकी शंकाओं का समाधान किया.
पिरामल फाउंडेशन के प्रोग्राम डायरेक्टर, बासब रूज ने प्रतिभागियों को बताया कि कैसे सी.एच.ओ. फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि नाईट ब्लड सर्वे और सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में सी.एच.ओ. समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित कर सकते हैं. उन्होंने आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्तर पर एम.एम.डी.पी. क्लिनिक खोलने की जरुरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में डी.पी.सी. पिरामल फाउंडेशन के सहयोग से सी.एच.ओ. को प्रशिक्षित करेंगे. सिफार के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक रणविजय कुमार ने फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में फ़ाइलेरिया मरीजों द्वारा किए जा रहे कार्यों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि राज्य के बीस जिलों के चयनित प्रखंडों में सी.एच.ओ. की अध्यक्षता में गठित रोगी हितधारक मंच फ़ाइलेरिया मरीजों को सिस्टम से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
राज्य सलाहकार फ़ाइलेरिया डॉ. अनुज सिंह रावत ने नाईट ब्लड सर्वे जिसे तीन चरणों में राज्य में संपादित किया जा रहा है पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने सभी शामिल प्रतिभागियों के कार्यक्रम में शामिल होने पर धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम में राज्य फ़ाइलेरिया कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मी, विश्व स्वास्थ्य संगठन, पिरामल फाउंडेशन एवं सिफार के प्रतिनिधियों ने शिरकत की. कार्यक्रम का संचालन पिरामल फाउंडेशन के आनंद कश्यप ने किया.