पटना में आयोजित छठा स्टेट लेवल योगासना स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में भाग लेने जाएंगी छपरा की चार बेटियां
कुल 7 स्पर्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद नेशनल लेवल की करेंगी तैयारी
छपरा, 21 अगस्त 2025
योग सिर्फ खेल नहीं है, बल्कि यह जीवन शैली है। शायद कुछ इसी तरह की सपना संजोने वाली बिहार के छपरा की इन चार बेटियों ने कड़ी मेहनत और अनुशासन के साथ खुद को इस मुकाम तक पहुंचा कर बिहार योगासना स्पोर्ट्स एसोसिएशन द्वारा पटना में 22 से 24 अगस्त तक आयोजित होने वाले छठा राज्य स्तरीय योगासना स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में सारण जिले का प्रतिनिधित्व करने वाली है। इस संबंध में सारण जिला योगासना स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सह अधिवक्ता पारसनाथ श्रीवास्तव ने बताया कि विगत 17 अगस्त को शहर के प्रतिष्ठित भागवत विद्यापीठ के परिसर में एसोसिएशन के संयुक्त सचिव सह उक्त विद्यालय के शारीरिक शिक्षक तरुण कुमार सिंह के देखरेख एवं सचिव चंद्रशेखर प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष धर्मेंद्र रस्तोगी, कोषाध्यक्ष यमुना कुमारी सहित कई अन्य की उपस्थिति में ओपन ट्रायल में लगभग 40 बच्चों ने भाग लिया था। जिसमें भागवत विद्यापीठ की चार छात्राओं यथा - मुस्कान कुमारी, अर्चना कुमारी, आग्नया कुमारी और आंचल कुमारी अंदर 14 के लिए चयन किया गया है।
सचिव चंद्रशेखर प्रसाद सिंह ने बताया कि छपरा की चारों बेटियों का चयन स्टेट लेवल योगासना स्पोर्ट्स चैंपियनशिप के लिए चयन होना यह साबित करता है कि छपरा प्रतिभाओं से भरा हुआ है। यह उपलब्धि न सिर्फ जिले के लिए बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व का क्षण है। योग की साधना और कठिन परिश्रम से मिली यह सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगी। लेकिन अब सभी की निगाहें पटना में होने वाले आयोजन पर टिकी हैं, जहां यह बेटियां अपनी लचक, संतुलन और आत्मविश्वास के साथ मंच पर उतरेंगी। उम्मीद है कि यह न केवल पदक जीतेंगी बल्कि बिहार और खासकर छपरा का नाम राष्ट्रीय स्तर पर चमकाने का काम करेंगी।
सारण जिला योगासना स्पोर्ट्स एसोसिएशन की संरक्षिका सह बिहार और उत्तर प्रदेश की प्रसिद्ध समाजसेवी डॉ अंजू सिंह और डायट गोपालगंज की व्याख्याता डॉ रंजिता प्रियदर्शिनी द्वारा बताया गया कि योगासन को खेल के रूप में आगे बढ़ाने की दिशा में भारत सरकार और राज्य सरकार भी लगातार प्रयासरत हैं। हालांकि अब स्कूल और कॉलेज स्तर पर भी योगासन प्रतियोगिताएं आयोजित होने लगी हैं। ऐसे में छपरा की यह बिटिया रानी अगर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सफलता हासिल करती हैं, तो भविष्य में इन्हें अंतराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं तक पहुंचने का भी मौका मिलेगा। साथ ही इनके प्रदर्शन से जिले की अन्य बेटियों को भी प्रेरणा मिलेगी कि खेलों में अपना करियर बनाकर न केवल खुद का बल्कि समाज और देश का नाम रोशन कर सकती हैं।
भागवत विद्यापीठ के प्राचार्य डॉ अमरेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि जब मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया में बच्चे खेलों और व्यायाम से दूर होते जा रहे हैं, ऐसे समय में छपरा की इन बेटियों ने योग को अपनाकर एक प्रेरक संदेश दिया है। क्योंकि योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने का साधन ही नहीं, बल्कि यह आत्मबल, धैर्य और एकाग्रता को भी बढ़ाता है। इन बेटियों की सफलता ने यह साबित कर दिया कि छोटे शहर और कस्बों में छिपी प्रतिभाएं अगर अवसर और मार्गदर्शन मिले तो किसी भी बड़े मंच पर अपनी पहचान बना सकती हैं।
एसोसिएशन के संयुक्त सचिव सह उक्त विद्यालय के शारीरिक शिक्षक तरुण कुमार सिंह ने बताया कि छपरा की चारों बेटियां योगासन की इन सात विधाओं यथा -
1. कलात्मक योगासन (Artistic Yoga)
2. रिदमिक योगासन (Rhythmic Yoga)
3. पारंपरिक योगासन (Traditional Yoga)
4. पेयर योगासन (Pair Yoga)
5. टीम योगासन (Group Yoga)
6. फ्लेक्सिबिलिटी प्रदर्शन
7. योगासन की रचनात्मक प्रस्तुति पेश करने वाली है।