फाइलेरिया मरीजों के लिए सहायक की भूमिका निभा रहें पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफार्म के सदस्य
• दिव्यांगता प्रमाण-पत्र का लाभ दिलाने की शुरू हुई पहल
• पीएसपी के माध्यम से अब तक 10 मरीजों को मिला दिव्यांगता प्रमाण पत्र
• 22 मरीजों का किया जा चुका है आवेदन
सारण (बिहार): जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। फाइलेरिया के मरीजों को दिव्यांगता प्रमाण-पत्र का लाभ दिलाने के लिए कैंप लगाकर ग्रेडिंग की जा रही है। इसी कड़ी में सारण जिले के रिविलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नए चिन्हित फाइलेरिया मरीजों की ग्रेडिंग प्रक्रिया की गई। इस अवसर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार गुप्ता ने मरीजों की जांच कर उन्हें विकलांग प्रमाणपत्र निर्गत की दिशा में आवश्यक कार्यवाही की। डॉ. गुप्ता ने मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी जरूरी परामर्श और सावधानियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि समय पर इलाज और देखभाल से फाइलेरिया मरीज अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सकते हैं। डॉ. राकेश ने कहा कि "फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति को शारीरिक रूप से कमजोर बना देती है। लेकिन यदि समय पर सही देखभाल और इलाज मिले तो मरीज सामान्य जीवन जी सकता है। सरकार का उद्देश्य है कि हर मरीज को इलाज के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा भी मिले।"
अब तक 22 मरीजों ने किया आवेदन
रिविलगंज प्रखंड में आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्तर पर गठित पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफार्म के सदस्य फाइलेरिया के मरीजों और स्वास्थ्य विभाग के बीच सेतु की भूमिका निवर्हन कर रहें है। पीएसपी के सदस्यों के द्वारा फाइलेरिया मरीजों सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की दिशा में सार्थक पहल की जा रही है। पीएसपी की मदद से अब तक कुल 22 मरीजों का आवेदन विकलांग प्रमाण पत्र के लिए किया जा चुका है। इनमें से 10 मरीजों को यूडीआईडी कार्ड उपलब्ध करा दिया गया है। सदस्यों का कहना है कि इस पहल से मरीजों को न केवल अधिकार मिल रहा है, बल्कि समाज में उनका आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है। फाइलेरिया मरीजों को प्रमाणपत्र और किट उपलब्ध होने से न केवल उनके इलाज में मदद मिलेगी, बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने का भी अवसर मिलेगा।इस पहल से सारण जिले के फाइलेरिया पीड़ित मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी और उनके लिए सरकारी सहायता योजनाओं के द्वार और भी सुगम होंगे। सारण जिले में शुरू हुआ यह प्रयास न सिर्फ फाइलेरिया मरीजों को सम्मान और अधिकार दिला रहा है, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने का भी मजबूत जरिया साबित हो रहा है।
मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण
फाइलेरिया मरीजों की सुविधा के लिए पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफार्म और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से अब तक 142 एमएमडीपी किट चिन्हित मरीजों को उपलब्ध कराई गई है। इन किटों में मरीजों की नियमित देखभाल के लिए आवश्यक सामान उपलब्ध होता है। इस किट में पैर धोने के लिए साबुन, तौलिया, तेल, पट्टी, एंटीसेप्टिक और अन्य सामग्री दी जाती है, ताकि मरीज संक्रमण और विकलांगता की गंभीर स्थिति से बच सकें। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इन किटों का नियमित उपयोग मरीजों की पीड़ा कम करने और जीवन की गुणवत्ता सुधारने में कारगर है।