कालाजार उपचार केंद्र के चार चिकित्सा पदाधिकारियों सहित आठ नर्सिंग स्टाफ को किया गया प्रशिक्षित!
कालाजार उपचार केंद्र पर आने वाले मरीजों का बेहतर तरीके से इलाज करने में होगी सहूलियत!
जिले में कालाजार उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार उठा रहा कदम: डॉ ओपी लाल
सिवान (बिहार): जिले में कालाजार रोगियों के प्रभावी उपचार, सही पहचान एवं समयबद्ध प्रबंधन के लिए जिले के कालाजार (एंबीसोम) उपचार केंद्र यथा- बसंतपुर, मैरवा, बड़हरिया और गोरेयाकोठी स्वास्थ्य संस्थानों के चार चिकित्सा पदाधिकारियों एवं दो नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षित करना इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य है। उक्त बातें जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डीवीबीडीसीओ डॉ ओम प्रकाश लाल ने कही। उन्होंने यह भी कहा कि कालाजार (विसरल लीश्मानियासिस) जैसी घातक बीमारी के उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार नए कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, सिवान के नेतृत्व में एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार में किया गया। कालाजार, जिसे काला- अजार या ब्लैक फीवर भी कहा जाता है, भारत के कुछ चुनिंदा राज्यों, खासकर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में अभी भी चुनौती बनी हुई है। हालांकि यह बीमारी बालू मक्खी (सैंड फ्लाई) के काटने से फैलती है और यदि समय पर इलाज नहीं किया जाए तो यह जानलेवा साबित भी हो सकती है। लेकिन बिहार में राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत इस बीमारी के उन्मूलन के लिए गहनता पूर्वक सार्थक प्रयास किए जा रहा हैं।
कालाजार उपचार केंद्र पर आने वाले मरीजों का बेहतर तरीके से इलाज करने में होगी सहूलियत:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार डीवीबीडीसी नीरज कुमार सिंह ने बताया कि जिला मुख्यालय स्थित सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में आयोजित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम कालाजार उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे जहां चिकित्सकों की क्षमता में वृद्धि होने वाली है। वहीं रोगियों को बेहतर उपचार मिलने की संभावना बढ़ने की प्रबल संभावना है। अगर इसी प्रकार समर्पित प्रयास जारी रहा तो वह दिन दूर नहीं जब सिवान जिला सहित बिहार और देश से कालाजार का नामोनिशान मिट जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान विभागीय अधिकारियों और मुख्य प्रशिक्षक डॉ प्रकाश कुमार के द्वारा कालाजार रोग की पहचान और निदान, एंबीसोम का उपयोग, रोगी प्रबंधन और फॉलोअप और कालाजार उन्मूलन लक्ष्य को लेकर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है। इस प्रशिक्षण से जिले में कालाजार के उपचार में गुणवत्ता और तत्परता दोनों बढ़ेंगी। अब प्रशिक्षित चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ एंबीसोम उपचार केंद्र यथा - मैरवा, बड़हरिया, गोरेयाकोठी और बसंतपुर स्वास्थ्य संस्थानों पर आने वाले मरीजों का बेहतर तरीके से इलाज कर सकेंगे।
इस अवसर पर डीवीबीडीसीओ डॉ ओपी लाल, मुख्य प्रशिक्षक डॉ प्रकाश कुमार, डीवीबीडीसी नीरज कुमार सिंह, वीडीसीओ प्रीति आनंद, कुंदन कुमार और विकास कुमार, पीरामल स्वास्थ्य के कार्यक्रम प्रमुख राजेश कुमार तिवारी, सोनू सिंह, अनिमेष कुमार और पूर्णिमा सिंह के अलावा उक्त चारों उपचार केंद्रों के चिकित्सा पदाधिकारी और स्टाफ नर्स सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।