मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में नयी पहल: ‘जीवन दीप मेंटरिंग कार्यक्रम’ से बढ़ेगी सुरक्षित प्रसव और गुणवत्तापूर्ण देखभाल
• मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में आएगा सुधार
• डिलीवरी प्वाइंट्स पर अब मेंटर नर्स देंगी प्रशिक्षण
• सुरक्षित प्रसव और गुणवत्तापूर्ण देखभाल के लिए ‘जीवन दीप’ की शुरुआत
सारण (बिहार): राज्य के सभी जिला और अनुमंडल अस्पतालों में मातृ एवं नवजात शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक नई पहल शुरू की है। अब डिलीवरी प्वाइंट्स, लेबर रूम, एसएनसीयू (सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट) और एनबीएसयू में ‘जीवन दीप मेंटरिंग कार्यक्रम’ लागू किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करना, नवजात शिशुओं को बेहतर देखभाल उपलब्ध कराना और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत द्वारा जारी दिशा-निर्देश दिया है।
राज्य स्तर पर दिया गया है प्रशिक्षण
इस कार्यक्रम के तहत लेबर रूम और एसएनसीयू में कार्यरत स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ और स्टाफ नर्सों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिया गया है। यह प्रशिक्षण राज्य स्तर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों और प्रशिक्षकों द्वारा प्रदान किया गया है, ताकि वे अपने-अपने कार्यक्षेत्र में मेंटर की भूमिका निभा सकें।
मेंटर नर्स देंगी मार्गदर्शन
कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक डिलीवरी प्वाइंट पर अब मेंटर नर्स तैनात होंगी, जो वहां की टीम को लगातार मार्गदर्शन और प्रशिक्षण देती रहेंगी। इससे लेबर रूम में सुरक्षित प्रसव के सभी मानकों का पालन सुनिश्चित होगा। साथ ही, एसएनसीयू और एनबीएसयू में भर्ती नवजातों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय देखभाल मिल सकेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुंचेगी सुविधा
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि ‘जीवन दीप मेंटरिंग कार्यक्रम’ से न केवल शहरी अस्पतालों, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुरक्षित प्रसव की दर बढ़ेगी। प्रशिक्षित नर्सें और डॉक्टर गांव-स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों में भी मानक प्रक्रियाओं के अनुसार सेवाएं देंगे, जिससे प्रसवोत्तर जटिलताओं को न्यूनतम किया जा सकेगा।
क्या है जीवन दीप मेंटरिंग कार्यक्रम का उद्देश्य :
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि कार्यक्रम के जरिए मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार, और ग्रामीण क्षेत्रों में भरोसेमंद प्रसव सेवाएं उपलब्ध कराना मुख्य लक्ष्य है। स्वास्थ्य विभाग को उम्मीद है कि इस पहल से राज्यभर में सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा मिलेगा और नवजात शिशुओं का जीवन स्तर बेहतर होगा।