ताजपुर में दहा नदी पर बना पुल जर्जर, हादसे की आशंका
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: माँझी प्रखंड के ताजपुर स्थित दहा नदी पर वर्ष 2010 में बना पुल अब जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है। इस पुल का उद्घाटन 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। सात करोड़ दस लाख रुपये की लागत से निर्मित इस पुल में मात्र दो-तीन वर्षों के भीतर ही खंभों में दरारें आ गई थीं। वहीं पायों व फूटपाथ के टूट जाने से जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं, जिसमें पैर फंसने से कई लोग घायल भी हो चुके हैं। उस समय यह मामला मीडिया की सुर्खियों में भी रहा था और निर्माण कार्य में धांधली के आरोप लगे थे।
कुछ समय बाद पुल निर्माण विभाग ने पुल पर बैरिकेडिंग कर भारी वाहनों का परिचालन रोक दिया था, लेकिन बालू माफियाओं व वाहन चालकों ने जान जोखिम में डालकर बैरिकेडिंग तोड़ दी, जिसके बाद से ट्रक, ट्रैक्टर और बस जैसे भारी वाहनों का आवागमन जारी है। पुल की स्थिति ऐसी हो चुकी है कि यह कब गिर पड़े, कहना मुश्किल है। खतरे की परवाह किए बिना दिनभर पुल पर स्टैंडिंग गाड़ियां खड़ी रहती हैं। इतना ही नहीं, पुल पर मछली और मटन का अस्थायी बाजार भी सजता है, जिससे हर समय सैकड़ों लोगों की भीड़ लगी रहती है।
मांझी के पूर्व प्रखंड प्रमुख रामकृष्ण सिंह ने कहा कि पुल के बगल में अंग्रेजों के समय का सौ साल पुराना लोहे का पुल आज भी मजबूती से खड़ा है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि मौजूदा पुल के बगल में एक नया पुल बनाया जाए, अन्यथा आने वाले समय में बड़ा हादसा हो सकता है। मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।