भगवान श्रीराम के चरित्र और स्वभाव से जीवन में न्याय के मार्ग पर चलने की मिलती है प्रेरणा : विद्या भूषण उर्फ कवि जी
सारण (बिहार): तरैया प्रखंड क्षेत्र के आरदेवा-जिमदाहा गांव स्थित संत शिरोमणि श्री नारद बाबा आश्रम परिसर में आयोजित नौ दिवसीय श्री शतचंडी महायज्ञ के छठे दिन मंगलवार की रात्रि में श्रीरामचरितमानस कथा का आयोजन श्रद्धा और भक्ति के वातावरण में हुआ। कथा वाचक विद्या भूषण उर्फ कवि जी ने अपने प्रवचन में भगवान श्रीराम के चरित्र, स्वभाव और जीवन के मूल्यों पर प्रकाश डाला।
कथा वाचक विद्या भूषण जी ने कहा कि भगवान श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में प्रसिद्ध हैं। वे एक आदर्श पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श पति, आदर्श मित्र और आदर्श राजा के रूप में स्थापित हुए। उनका स्वभाव अत्यंत शांत, दयालु, धैर्यशील और न्यायप्रिय था। वे धर्म, सत्य और मर्यादा के प्रतीक थे और उन्होंने जीवन भर कभी अन्याय और असत्य का साथ नहीं दिया। श्रीराम का चरित्र वर्तमान समाज के लिए प्रेरणा स्रोत है, जो हमें सिखाता है कि धर्म और न्याय के मार्ग पर चलते हुए भी महान बना जा सकता है।
उन्होंने कहा कि भगवान राम के जीवन से यह सीख मिलती है कि किसी भी परिस्थिति में सत्य और धर्म से विचलित नहीं होना चाहिए। उनके त्याग, सहिष्णुता और करुणा जैसे गुण आज के सामाजिक जीवन में अनुकरणीय हैं।
कार्यक्रम में मुख्य यजमान पंकज बाबा सहित सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, सांसद प्रतिनिधि संजय सिंह, जिला पार्षद हरिशंकर सिंह उर्फ हरि सिंह, प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि धनवीर कुमार सिंह बिक्कू, मुखिया सुशील कुमार सिंह, बसंत कुमार सिंह सपत्निक, चुन्नू सिंह सपत्निक, डॉ. रंजय सिंह, उपेंद्र कुमार सिंह, ओमप्रकाश गुप्ता, श्रीकांत सिंह, अशोक यादव नेताजी, रामाधार सिंह, भुनेश्वर सिंह, चंदन तिवारी, अवधेश सिंह, मनोज सिंह, जयंत सिंह, मीरा सिंह, छोटू सिंह सहित सैकड़ों श्रद्धालु भक्तगण उपस्थित रहे।
श्रीराम कथा के दौरान पूरा वातावरण श्रद्धा, भक्ति और मर्यादा के भावों से ओतप्रोत हो गया। उपस्थित भक्तों ने भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प भी लिया।