सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए अब सरकारी और निजी विद्यालयों के बालिकाओं को लगाया जायेगा एचपीवी वैक्सीन!
• सरकारी स्कूलों से शुरुआत, अब निजी स्कूल और मदरसों तक विस्तार
• शिक्षा विभाग की सक्रिय भूमिका, हर स्कूल में नोडल शिक्षक नामित
• एचपीवी वैक्सीन है सुरक्षित और असरदार: सिविल सर्जन
सारण (बिहार): सारण जिले में किशोरियों को सर्वाइकल कैंसर जैसे जानलेवा रोग से बचाने के उद्देश्य से एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) टीकाकरण अभियान की शुरुआत कर दी गई है। इस अभियान के तहत 9 से 14 वर्ष की आयु वर्ग की बालिकाओं को एचपीवी का सुरक्षित एवं प्रभावी टीका लगाया जा रहा है। अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग की संयुक्त भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
सरकारी स्कूलों से शुरुआत, अब निजी स्कूल और मदरसों तक विस्तार
स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार अभियान की शुरुआत जिले के सरकारी विद्यालयों में की गई है। इसके बाद अब निजी स्कूलों एवं मदरसों को भी अभियान में शामिल किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक छात्राओं को इस जानलेवा बीमारी से सुरक्षित किया जा सके। प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला द्वारा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र जारी कर टीकाकरण कार्य में विद्यालयों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा विभाग की सक्रिय भूमिका, हर स्कूल में नोडल शिक्षक नामित
अभियान की सफलता के लिए शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों और मदरसों को निर्देशित किया है कि वे अपने संस्थान में एक नोडल शिक्षक व कर्मचारी को टीकाकरण समन्वय के लिए नामित करें। विद्यालय के प्रधानाध्यापक और प्रबंधन को निर्देश दिया गया है कि वे स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ समन्वय स्थापित कर सुनियोजित ढंग से टीकाकरण सत्रों का संचालन कराएं।
अभिभावकों की सहमति से हो रहा है टीकाकरण
टीका लगाने से पहले स्वास्थ्य विभाग की ओर से छात्राओं के अभिभावकों को आवश्यक जानकारी प्रदान की जा रही है। माता-पिता की सहमति से ही छात्राओं का टीकाकरण किया जा रहा है। साथ ही स्वास्थ्य जांच शिविरों के माध्यम से बालिकाओं की प्रारंभिक स्वास्थ्य जांच भी की जा रही है।
एचपीवी वैक्सीन है सुरक्षित और असरदार: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि एचपीवी वैक्सीन मानव पेपिलोमा वायरस संक्रमण से होने वाले सर्वाइकल कैंसर सहित कई अन्य कैंसरों से सुरक्षा प्रदान करता है। यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित एवं प्रमाणित है और इसका कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं है।
उन्होंने कहा, “माता-पिता को घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह टीका बच्चियों के भविष्य को गंभीर बीमारी से बचाने की दिशा में बड़ा कदम है। यह अभियान हमारे समाज में महिलाओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा और जागरूकता की दिशा में ऐतिहासिक साबित होगा।”
स्वास्थ्य विभाग और स्कूल प्रशासन कर रहे हैं समन्वित प्रयास
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सुमन कुमार ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों में इस अभियान को लेकर व्यापक तैयारी की गई है। टीकाकरण टीमों का गठन, टीकाकरण केंद्रों की सूची, और संचालन की समय-सारणी शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से बनाई जा रही है। स्कूलों में विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें टीका लगने से पूर्व बच्चियों की जांच की जाती है। यह अभियान न केवल एक जनस्वास्थ्य पहल है, बल्कि समाज में किशोरियों के प्रति स्वास्थ्य सुरक्षा और जागरूकता का सशक्त संदेश भी है। इस अभियान का हिस्सा बनें और अपनी बच्चियों को सुरक्षित भविष्य प्रदान करें।