चकिया मध्य विद्यालय: शिक्षा का मंदिर या मौत का मुहाना?
न भवन सुरक्षित, न शिक्षक निश्चिंत — जान हथेली पर लेकर हो रही पढ़ाई
सारण (बिहार) संवाददाता मनोज कुमार सिंह: वर्ष 2019 में शिक्षा विभाग द्वारा परित्यक्त घोषित किये जा चुके माँझी प्रखंड के मध्य विद्यालय चकिया के जर्जर भवन के महज दो कमरों में पहली कक्षा से लेकर आठवीं तक के 151 नामांकित छात्र व छात्रा अपनी जान जोखिम में डालकर पठन पाठन करने को मजबूर हैं। विद्यालय का परित्यक्त घोषित जर्जर भवन कभी भी ध्वस्त होकर किसी भयावह हादसे का गवाह बन सकता है। इतना ही नही वर्ष 2003 व 2004 में सर्व शिक्षा अभियान के तहत निर्मित विद्यालय भवन के दो जर्जर कमरों में से एक को कार्यालय कक्ष तथा दूसरे को किचेन के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। विद्यालय में कुल सात शिक्षक पदस्थापित हैं।
पूछे जाने पर विद्यालय की प्रधान शिक्षिका हमीदा खातून ने बताया कि नए व पुराने दोनों भवनों के कुल चार कमरों की हालत इस कदर खराब हो चुकी हैं कि उन सभी कमरों की छतों से अक्सर चट्टाने व प्लास्टर टूटकर गिरते रहता है। बरसात होने पर छत से पानी जबरदस्त तरीके से रिसकर कमरों में पूरी तरह फैल जाता है अथवा बहने लगता है। विद्यालय भवन की दीवारों में दर्जनों दरारें स्पष्ट रूप से दिखती हैं। बरसात होने पर चारों कमरों की छतों के धराशायी होने का हर हमेशा खतरा बना रहता है।
उन्होंने बताया कि कमरों के ध्वस्त होने की आशंका की वजह से डुमरी पँचायत के पूर्व मुखिया संजीत प्रसाद के सौजन्य से निर्मित टीन के शेड के नीचे अथवा बगल के बगीचे में छात्रों का पठन पाठन किसी तरह कराया जाता है। वह शेड भी आँधी पानी की वजह से बुरी तरह क्षतिग्रस्त होकर लगभग उजड़ सा गया है। शिक्षकों ने बताया कि बरसात शुरू होते ही बच्चों को जोखिम के भय से छुट्टी दे दी जाती हैं ताकि वे अपने घर जाकर बरसात के पानी में भींगकर बीमार होने से बच सकें। उधर शिक्षक उन्ही जर्जर कमरों में हनुमान चालीसा पढ़कर किसी तरह आठ घण्टे तक अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी बजाते हैं। इस सबके अलावा विद्यालय भवन के पीछे उगे झाड़ झंखाड़ में छुपे जहरीले जंतु अक्सर विद्यालय परिसर में आ धमकते हैं,जिससे शिक्षकों व छात्रों में पूरे दिन भय का वातावरण बना रहता है।
प्रधान शिक्षिका ने बताया कि वर्ष 2023 में अपना प्रभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने विभाग के वरीय पदाधिकारियों को भवन के जर्जर हालात व जोखिम भरी ड्यूटी से अवगत कराने हेतु पत्रचार किया। परन्तु विभाग द्वारा इस दिशा में अबतक कोई ठोस निर्णय नही लिया जा सका है। इस सम्बंध में पूछे जाने पर मांझी की बीईओ विभा रानी ने बताया कि यह कटु सत्य है कि चकिया मध्य विद्यालय का दोनों भवन जर्जर हालत में है तथा कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने बताया कि पत्र भेजकर उन्होंने जिले के वरीय पदाधिकारियों को हालात से आगाह कर दिया है परन्तु नए भवन के निर्माण की अनुमति जिला प्रशासन ने नही दी है। उन्होंने बताया कि नए विद्यालय भवन के शीघ्र निर्माण का मौखिक आश्वासन जिला प्रशासन ने उन्हें दिया है।