कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम-
कीटनाशक छिड़काव का गहण पर्यवेक्षण को लेकर विभागीय अधिकारियों को बनाया गया नोडल अधिकारी!
मरीजों की संख्या में कमी लाने को लेकर गहण पर्यवेक्षण में सभी घरों, कमरों, रसोई घर, स्नान घर एवं गोहालों में 06 फीट तक कीटनाशक छिड़काव अतिआवश्यक: डॉ ओपी लाल
जिले के छह प्रखंडों के नौ गांव को उच्च प्राथमिकताओ वाले गांव के रूप में किया गया चयनित: नीरज
सिवान (बिहार): जिले में (दरौली एवं हसनपुरा को छोड़कर) विगत 21 जुलाई से कालाजार नियंत्रणार्थ सिंथेटिक पाइरेथ्रोइड (एसपी) छिड़काव कार्यक्रम चलाया जा रहा हैं। कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को लेकर जिला स्तर पर पदाधिकारियों को प्रखंडों का आवंटन किया गया है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि कालाजार उन्मूलन को उसी स्तर पर बनाए रखने के लिए जिले में चल रहे कीटनाशक छिड़काव का गहण पर्यवेक्षण के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। पत्र के आलोक में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल को सिवान जिलांतर्गत सभी प्रखंड, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार नीरज कुमार सिंह को भगवानपुर हाट, गोरेयाकोठी, लकड़ी नबीगंज और बसंतपुर, वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी प्रीति आनंद को मैरवा, गुठनी, रघुनाथपुर और नौतन, कुंदन कुमार को पचरुखी, हुसैनगंज, सदर प्रखंड और बड़हरिया जबकि विकास कुमार को दारौंदा, महाराजगंज, जिरादेई और सिसवन प्रखंड का नोडल अधिकारी बनाया गया है। ताकि शत प्रतिशत गहनतापूर्वक अनुश्रवण और मूल्यांकन किया जा सके।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ ओम प्रकाश लाल ने बताया कि कालाजार के विरूद्ध सिंथेटिक पाइरेथ्रोइड (एसपी) से द्वितीय चक्र का छिड़काव राज्य के कालाजार प्रभावित 32 जिलों के 1441 राजस्व ग्रामों में 21 जुलाई 2025 से प्रारंभ किया गया है, क्योंकि आने वाले दिनों में सरकार द्वारा अगले तीन वर्षों में वार्षिक प्रतिवेदित मरीजों की संख्या को 50 की संख्या पर लाना है। हालांकि वर्ष 2024 में राज्य के 07 जिलों से शून्य मरीज प्रतिवेदित हुए है। लेकिन इस उपलब्धि के पीछे स्वास्थ्य विभाग, सहयोगी संस्थाओं के अलावा कई अन्य विभागों और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से संभव हो पाया है। आगे भी इसी प्रकार के दृष्टिकोण बनाए रखने की आवश्यकता है, जिले से मरीजों की संख्या में कमी लाने के लिए ससमय संभावित मरीजों की खोज, जांच, इलाज एवं बालू मक्खी के घनत्व में कमी लाने को लेकर गहण पर्यवेक्षण में सभी घरों, कमरों, रसोई घर, स्नान घर एवं गोहालों में 06 फीट तक कीटनाशक छिड़काव अतिआवश्यक है।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार (डीवीबीडीसी) नीरज कुमार सिंह ने बताया कि गहण पर्यवेक्षण में छिड़काव उन उच्च प्राथमिकताओं वाले राजस्व गांवों में आवश्यक है, जहां विगत कई वर्षों से लगातार कालाजार के मरीज पाए गए हैं। या नए गांव जहां पूर्व के वर्षों में मरीज नहीं मिले थे, लेकिन वर्तमान वर्ष में मरीज की शिनाख्त हुआ है। जिले के छह प्रखंडों के नौ गांव को उच्च प्राथमिकताओ वाले गांव को चयनित किया गया है। जिसमें मुख्य रूप से बसंतपुर के सिपाह, भगवानपुर हाट के खेड़वा, गोरेयाकोठी के सिसई, आज्ञा और शेखपुरा, महाराजगंज के कसदेवरा बंगरा, मैरवा के सिरसिया और सदर प्रखंड सिवान के बलेथा जबकि नगर परिषद सिवान के शहरी क्षेत्र संख्या 09 नया किला मोहल्ला शामिल हैं। इन सभी क्षेत्रों ने विशेष रूप से संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम और बीसीएम को आवश्यक दिशा- निर्देश दिया गया है। हालांकि जिले के 14224 घरों में कीटनाशक छिड़काव हो चुका हैं।