‘तुलसीदास’ एवं ‘प्रेमचंद’ जयंती का आयोजन — साहित्य के दो स्तंभों को दी गई श्रद्धांजलि
कोलकाता: सेंट पॉल्स कैथेड्रल मिशन कॉलेज में गुरुवार को हिंदी साहित्य के दो महान व्यक्तित्व — गोस्वामी तुलसीदास एवं मुंशी प्रेमचंद — की जयंती पर एक भावपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य वर्तमान सामाजिक-सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में इन दोनों साहित्यिक महापुरुषों की प्रासंगिकता को रेखांकित करना था।
कॉलेज अध्यक्ष डॉ. सुदीप्त मिद्दे ने उद्घाटन वक्तव्य में कहा, “निराशा और हिंसा के इस दौर में तुलसी और प्रेमचंद जैसे मानव-मूल्य के प्रतीक साहित्यकारों की स्मृति हमें विवेक, चेतना और करुणा की राह दिखाती है।”
विशिष्ट वक्ता बंगला विभाग के प्रो. विनायक भट्टाचार्य ने तुलसीदास और प्रेमचंद के युगीन संघर्षों का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे इन लेखकों ने अपने साहित्य के माध्यम से सामाजिक अन्याय, असमानता और नैतिक पतन के विरुद्ध जन-जागरण का कार्य किया।
डॉ. शेख मक़बूल इस्लाम ने तुलसीदास एवं प्रेमचंद की साहित्यिक दृष्टियों की तुलना चैतन्य महाप्रभु और शरतचंद्र के साहित्य से करते हुए भावधारा के विस्तार पर प्रकाश डाला। वहीं हिंदी विभाग के प्रो. परमजीत कुमार पंडित ने दोनों साहित्यकारों की भाषिक विशेषताओं को रेखांकित करते हुए बताया कि जनभाषा में लिखे जाने के कारण ही इनका साहित्य घर-घर लोकप्रिय हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत विभागाध्यक्ष डॉ. कमलेश पाण्डेय के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने तुलसी और प्रेमचंद को “मानवधर्मी साहित्यकार” बताते हुए कहा कि इन्होंने समाज को मनुष्यता की पहचान दी।
विद्यार्थियों ने भी कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी दिखाई। उन्होंने वक्ताओं से तुलसी और प्रेमचंद के साहित्यिक योगदान को लेकर अनेक जिज्ञासाएँ रखीं, जिनका वक्ताओं ने विस्तार से उत्तर दिया।
कार्यक्रम का संचालन रोहित मिश्रा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन पलक सिंह ने दिया। कॉलेज के विभिन्न विभागों के प्रोफेसर — प्रो. इन्द्राणी बनर्जी, प्रो. मौसमी मुखर्जी, प्रो. अनिल बनिक, प्रो. अनामित्रा सरकार, प्रो. सुमंत मुखोपाध्याय, प्रो. सुदेशना मित्र, प्रो. श्यामोश्री मुखर्जी, प्रो. प्रमा पाल, प्रो. अनिंदिता सरकार, प्रो. जिहिस्केल नस्कर, प्रो. शौरिष, प्रो. राना अधिकारी, प्रो. विभाष दास, प्रो. प्रीतम रजक, प्रो. रीति अग्रवाल आदि — भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यार्थियों — सुधांशु, तनिषा, सुमित, अंशु, प्रिंस, निकिता, नारायण, प्रिय, अंकित, नवीन, सानिया, ममता, पूजा, पंकज, सोहा अहमद आदि — की प्रमुख भूमिका रही।