हाथीपांव से ग्रसित 8 मरीजों को मिला दिव्यांगता प्रमाण पत्र! सरकारी योजनाओं का मिलेगा लाभ!
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी पहल
सारण (बिहार): राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सारण जिले में हाथीपांव (लिम्फेडेमा) से पीड़ित मरीजों को अब सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में रिविलगंज प्रखंड के कचनार, इनई, टेकनिवास और भादपा आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर गठित पेशेंट स्टेक होल्डर प्लेटफार्म (पीएसपी) के माध्यम से 15 मरीजों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र हेतु आवेदन किया गया था, जिनमें से अब तक 8 मरीजों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जा चुका है।
इन प्रमाण पत्रों को कचनार पंचायत के मुखिया नागेंद्र कुमार ने मरीजों को सौंपा। प्रमाण पत्र प्राप्त होने के बाद ये मरीज अब सामाजिक सुरक्षा पेंशन, दिव्यांगजन सहायक उपकरण योजना, स्वरोजगार योजनाएं, मुफ्त चिकित्सा एवं परिवहन सुविधा जैसे लाभ के पात्र बन गए हैं।
ग्रेडिंग के आधार पर होता है प्रमाण पत्र जारी
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, लिम्फेडेमा एक दीर्घकालिक रोग है जिसमें अंगों में सूजन होती है और समय पर देखभाल नहीं होने पर विकलांगता की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जनवरी 2018 की केंद्रीय अधिसूचना के अनुसार, ग्रेड-3 या उससे ऊपर के मरीजों को 40% या उससे अधिक दिव्यांगता की श्रेणी में रखा जाता है।
जिला स्तरीय समन्वय से हो रहा कार्य
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा तथा जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीबीवीडीसीओ) डॉ. दिलीप कुमार सिंह के निर्देशन में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार के नेतृत्व में यह कार्य संचालित हो रहा है। स्थानीय नेतृत्व, जनप्रतिनिधियों, जीविका दीदी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं पीएसपी सदस्यों का भी इसमें सक्रिय सहयोग मिल रहा है।
मुखिया नागेंद्र कुमार ने क्या कहा
मुखिया नागेंद्र कुमार ने कहा, "यह पहल उन मरीजों के लिए राहत है जो अब तक सरकारी लाभ से वंचित थे। अब उन्हें न केवल पहचान मिली है, बल्कि सहायता भी सुनिश्चित हुई है।"
अभी और होंगे लाभार्थी शामिल
डीबीवीडीसीओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि आने वाले दिनों में जिले भर में ऐसे और भी मरीजों की पहचान कर दिव्यांगता प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया तेज की जाएगी।