किसानों ने की समस्याओं पर खुलकर चर्चा, फसल बीमा भुगतान व राहत सहायता की उठाई मांग – 24 अगस्त को फिर होगी बैठक!
साहिबगंज (झारखंड): भारतीय हलधर किसान यूनियन की एक अहम बैठक रविवार को साहिबगंज के रेलवे जेनरल इंस्टीच्यूट में संपन्न हुई। बैठक का संचालन यूनियन के राष्ट्रीय कोर कमेटी उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता व झारखंड-बिहार प्रभारी डॉ. शैलेश कुमार गिरि के मार्गदर्शन में तथा अध्यक्षता जिलाध्यक्ष लक्ष्मण यादव ने की। इस बैठक में जिले के सैकड़ों महिला व पुरुष किसान शामिल हुए।
बैठक में किसानों ने डॉ. गिरि के समक्ष अपनी-अपनी समस्याओं को रखा। इनमें प्रमुख रूप से कृषि ऋण माफी के बावजूद बैंकों द्वारा भेजे जा रहे नोटिस, वर्षों से लंबित फसल बीमा भुगतान, दियारा क्षेत्र में बाढ़ से हुई फसल क्षति और राहत व्यवस्था की कमी जैसे मुद्दे शामिल रहे। किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2018 व 2019 तथा मुख्यमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2021 से 2024 तक के लंबित भुगतान की मांग की। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित इलाकों में पशुओं के लिए चारा और किसान परिवारों के लिए राहत एवं अनुदान की व्यवस्था करने की भी बात कही गई।
बैठक में तय किया गया कि आगामी दिनों में लगभग 5000 किसानों के साथ डीसी कार्यालय का सांविधानिक एवं गांधीवादी तरीके से घेराव किया जाएगा। साथ ही, सरकार से यह मांग भी रखी गई कि बंद पड़े लगान रसीद काटने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू किया जाए।
किसानों ने ब्याज मुक्त किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) ऋण व्यवस्था लागू करने, पंचायत स्तर पर संगठन को मजबूत करने और किसानों को योजनाओं से जोड़ने पर बल दिया। बैठक में तय किया गया कि यूनियन की अगली बैठक 24 अगस्त को की जाएगी, जिसमें आगे की रणनीति तय होगी।
इस अवसर पर शंकर प्रसाद यादव, रामाशीष यादव, रामप्रवेश यादव, मन्नू प्रसाद यादव, उमेश कुमार यादव, महेश पांडे, अजय कुमार यादव, चंद्रमा प्रसाद यादव, रुदल यादव, भरत पांडे, गणेश प्रसाद चौधरी, छोटेलाल चौधरी, शंकर रविदास, दिनेश कुमार ओझा, जवाहर ठाकुर, राम सिहासन यादव, हीरालाल पंडित, चीनू मंडल, बास्कीनाथ चौबे, सुरेश मंडल, मनोज कुमार शाह, रामनाथ महतो, ललिता कुमारी, ममता कुमारी, हृदय नारायण सिंह, फुलवंती कुमारी, शिवनाथ महतो, सीताराम मंडल, दामोदर मंडल, चंद्रशेखर सिंह सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे।
यूनियन ने साफ किया कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा।