प्रशांत किशोर समेत 2000 पर FIR, विधानसभा मार्च को लेकर पटना में बवाल
पटना (बिहार): जन सुराज के बैनर तले प्रशांत किशोर द्वारा आयोजित विधानसभा मार्च के दौरान पटना में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। पुलिस से झड़प के बाद लाठीचार्ज भी हुआ, जिसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए। अब इस मामले में प्रशांत किशोर समेत करीब 2000 लोगों के खिलाफ पटना के सचिवालय थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस ने आरोप लगाया है कि यह मार्च बिना अनुमति के निषेधाज्ञा क्षेत्र में किया गया, जिससे कानून-व्यवस्था भंग हुई। एफआईआर में यह भी कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बल से धक्का-मुक्की की और कई जगहों पर बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की गई।
घटना के दौरान प्रशांत किशोर का पुलिस से सीधा टकराव भी देखने को मिला, जब उन्होंने एक अधिकारी से सवाल करते हुए कहा, "क्या तुम जनता पर लाठी चलाओगे? इतना दम है?" इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसने जनभावनाओं को भी उकसाया है।
जन सुराज की प्रतिक्रिया
इस कार्रवाई पर जन सुराज का कहना है कि यह प्रदर्शन लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत आयोजित था और पुलिस की कार्रवाई निरंकुशता का उदाहरण है। पार्टी की ओर से साफ कहा गया है कि आंदोलन यहीं नहीं रुकेगा, बल्कि पूरे राज्य में इसे व्यापक स्तर पर चलाया जाएगा।
घायल कार्यकर्ताओं में एक पूर्व आईपीएस भी
इस प्रदर्शन में पुलिस की लाठी से घायल होने वालों में हिमाचल प्रदेश से रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी जय प्रकाश सिंह भी शामिल हैं। उनकी चोटिल हाथ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं, जिसे जन सुराज के समर्थक पुलिस की "बर्बरता" बता रहे हैं।
आरोप और धाराएं
पटना पुलिस ने धारा 144 के उल्लंघन, विधि-व्यवस्था भंग करने, पुलिस से झड़प और सरकारी आदेशों की अवहेलना जैसे आरोपों के तहत यह एफआईआर दर्ज की है। प्रशांत किशोर समेत कई नामजद लोगों को अभियुक्त बनाया गया है, जबकि 2000 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ है।
आंदोलन की चेतावनी
प्रशांत किशोर ने घटना के बाद कहा कि “यह तो सिर्फ शुरुआत है। अगर सरकार ने लिखित जवाब नहीं दिया तो आंदोलन पूरे राज्य में फैलेगा।”
इस पूरे घटनाक्रम ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल पैदा कर दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इसका क्या जवाब देती है और जन सुराज अपनी रणनीति में क्या नया मोड़ लाता है।