सरयू में बढ़ते जलस्तर से माँझी बोल्डर बांध का हिस्सा बहा, निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल!
सारण (बिहार) संवाददाता मनोज कुमार सिंह: छपरा बलिया रेलखण्ड के मध्य माँझी के समीप सरयु नदी पर बने दो दो रेलपुलों को कटाव से संरक्षित रखने के उद्देश्य से करोड़ों की लागत से बनाया जा रहा बोल्डर बांध नदी के कटाव से खुद ध्वस्त होने लगा है। इसे लेकर स्थानीय लोगों के मन में संशय उतपन्न हो गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रेलपुल के उत्तरी मुहाने पर लगभग एक किमी लंबे बोल्डर बांध का निर्माण कार्य शुरू करने के दौरान काम करने वाले सम्बंधित ठेकेदारों ने यह बताया था कि दोनों रेलपुलों के मुहानों को कटाव से संरक्षित करने के उद्देश्य से 25 मीटर की चौड़ाई में मजबूत तार की जाली में बांधकर इसे तैयार किया जा रहा है। हालाँकि बांध के निर्माण की तकनीक को देखकर स्थानीय लोगों ने इसके टिकाऊ होने पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया था जिसे विशेषज्ञों ने सिरे से खारिज कर दिया था।
उधर पिछले एक सप्ताह से सरयु नदी के जलस्तर में हुई बृद्धि के बाद उक्त बोल्डर बांध के नीचे की मिट्टी में कटाव होना शुरू हो गया। लोगों का कहना है कि महज एक सप्ताह के नदी के पानी का बढ़ाव यह बांध नही झेल पाया और इसका लगभग 25 फीसदी हिस्सा सरयु में विलीन हो गया। कटाव की गति को देखते हुए स्थानीय लोग उक्त बांध की मजबूती पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं तथा रेलपुल पर कटाव के खतरों को देखते हुए करोड़ों की लागत से बनाये जा रहे बांध के निर्माण की जाँच की माँग कर रहे हैं।
इस सम्बंध में पूछे जाने पर जानकर सूत्रों ने बताया कि बोल्डर बांध को लँचिंग के लिए ही दो भागों में बनाया गया है। सूत्रों द्वारा यह बताया जा रहा है कि मजबूत तार की जाली में बंधे बोल्डर का एक समूह कटाव के दौरान लँचिंग होकर यानि कि पानी में गिरकर मिट्टी के क्षरण वाले उसके सबसे निचले तह तक जाकर बैठ जाएगा तथा नीचे से होने वाले कटाव को मजबूती से रोकेगा जबकि दूसरा पत्थरों का समूह बांध के ऊपर वाले भाग को कटाव से संरक्षित करेगा। विशेषज्ञों ने स्थानीय लोगों के संशय को निराधार बताया है।