पटना में बिल्डर की लापरवाही से मकानों पर संकट, जिलाधिकारी की तत्परता से टला बड़ा हादसा!
गड्ढा खोदने से पास के घरों को खतरा, लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया
///जगत दर्शन न्यूज
पटना (बिहार): राजधानी पटना के बोरिंग रोड चौराहा स्थित हरीलाल स्वीट्स के पास एक बिल्डर द्वारा बिना सुरक्षा मानकों का पालन किए बड़ा गड्ढा खोद दिए जाने से आसपास के घरों की नींव पर संकट उत्पन्न हो गया। इस गंभीर सूचना की जानकारी जिलाधिकारी को रात्रि दो बजे के आसपास दूरभाष पर मिली, जिसके बाद उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए अपर जिला दंडाधिकारी (आपदा प्रबंधन) एवं एनडीआरएफ टीम को मौके पर भेजा।
टीम ने तत्काल रात में ही स्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए आवश्यक कदम उठाए। सुबह 8:30 बजे स्वयं जिलाधिकारी ने स्थल का निरीक्षण किया और स्थानीय निवासियों से संवाद किया।
स्थानीयों ने जताई चिंता
स्थानीय नागरिकों ने जिलाधिकारी को बताया कि बिल्डर ने कुछ घरों से बिल्कुल सटे हुए स्थान पर एक गहरा गड्ढा खोद दिया है, जिसमें पानी भी भर गया था। इससे करीब दो से तीन घरों की संरचना को खतरा उत्पन्न हो गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन घरों में रह रहे लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित (इवैकुएट) किया गया है।
क्षेत्र की घेराबंदी, अन्य भवनों की जांच भी शुरू
निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने आसपास के अन्य दुकानों और मकानों को भी चिह्नित कर खाली कराने का निर्देश दिया। संपूर्ण क्षेत्र की घेराबंदी (cordon-off) कर दी गई है ताकि किसी अनहोनी की संभावना को पूरी तरह टाला जा सके। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि सभी सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित किए जाएं।
त्रि-सदस्यीय जांच समिति गठित
इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए जिलाधिकारी ने त्रि-सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसमें:
- अपर जिला दंडाधिकारी (आपदा प्रबंधन)
- अपर नगर आयुक्त
- भूमि सुधार उप समाहर्ता, पटना सदर
को सदस्य नामित किया गया है। समिति को निर्देश दिया गया है कि वह यह जांच करे कि बिल्डर ने बिल्डिंग बायलॉज़, आपदा प्रबंधन अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों का पालन किया है या नहीं।
कठोर कार्रवाई की चेतावनी
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि यदि कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन पाया गया, तो संबंधित बिल्डर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि ऐसी स्थिति किसी अन्य क्षेत्र में न उत्पन्न हो, इसके लिए नियमित निगरानी एवं अनुश्रवण (मॉनिटरिंग) सुनिश्चित किया जाए।