सीमांत कुमार सिंह बने बेंगलुरु के नए पुलिस कमिश्नर, बिहार-झारखंड को गर्व!
बेंगलुरु/भागलपुर, 6 जून 2025
बिहार के भागलपुर जिले के मूल निवासी और रांची में जन्मे 1996 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सीमांत कुमार सिंह को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है। उन्होंने शुक्रवार को अपना पदभार ग्रहण कर लिया।
सीमांत कुमार सिंह इससे पूर्व बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन टास्क फोर्स के एडीजीपी के रूप में कार्यरत थे। उन्हें यह पद बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में हालिया हादसे के बाद मिला, जिसमें 11 लोगों की मृत्यु और दर्जनों लोग घायल हुए। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने तत्क्षण कार्रवाई करते हुए तत्कालीन पुलिस कमिश्नर दयानंद को निलंबित कर सीमांत कुमार सिंह को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी।
कोरोना काल में बने थे मसीहा
कोरोना महामारी के समय सीमांत कुमार सिंह प्रवासी मजदूरों के लिए मसीहा बनकर उभरे थे। बेंगलुरु में फंसे बिहारी, बंगाली, उड़िया, राजस्थानी और पूर्वांचल के हजारों लोगों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए उन्होंने विशेष ट्रेनें चलवाने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही उन्होंने राशन, दवाएं, कपड़े और ऑक्सीजन जैसी आवश्यक चीजें भी जरूरतमंदों तक पहुंचाई थीं।
बहुमुखी प्रशासनिक अनुभव
सीमांत कुमार सिंह भारतीय सुरक्षा बल (BSF) में उप महानिरीक्षक के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में कार्यकाल के दौरान उनके सख्त रवैये की जमकर सराहना हुई थी। हालांकि एक मामले में उनकी कार्रवाई हाईकोर्ट तक भी पहुंची, जिसने उनकी कार्यशैली को चर्चित बना दिया।
परिवारिक पृष्ठभूमि और सम्मानजनक संबंध
जहां उनके पूर्वज बिहार के भागलपुर जिले से हैं, वहीं उनका ससुराल झारखंड के पलामू जिले में है। उनके दामाद भी आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में बिहार में पदस्थापित हैं।
बेंगलुरु को लेकर नई उम्मीदें
देश के प्रमुख आईटी हब बेंगलुरु में यातायात, कानून-व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा बड़ी चुनौतियां हैं। सीमांत कुमार सिंह के कार्यभार संभालने से शहरवासियों में आशा जगी है कि वे इन समस्याओं से प्रभावी तरीके से निपटेंगे। ट्रैफिक नियंत्रण, महिला सुरक्षा और साइबर क्राइम पर विशेष फोकस उनके प्राथमिक एजेंडे में बताया जा रहा है।
सीमांत कुमार सिंह की नियुक्ति न केवल बेंगलुरु बल्कि बिहार और झारखंड के लिए भी गौरव की बात है। प्रशासनिक दृढ़ता, मानवीय संवेदना और कुशल नेतृत्व क्षमता की मिसाल पेश कर चुके सीमांत से बेंगलुरु को नई दिशा मिलने की उम्मीद की जा रही है।