नई कर व्यवस्था बनाम पुरानी कर व्यवस्था: कौन-सी आपके लिए लाभदायक है?
✍️प्रकाश कुमार
भारत सरकार ने करदाताओं को दो विकल्प दिए हैं—पुरानी कर व्यवस्था, जिसमें कई छूट और कटौतियाँ मिलती हैं, और नई कर व्यवस्था, जिसमें कर दरें कम हैं लेकिन ज़्यादातर छूटें हटा दी गई हैं। आइए समझे है कि आपके लिए कौन सी व्यवस्था लाभदायक है।
नई कर व्यवस्था:
- वित्तीय वर्ष 2025-26 में ₹12 लाख तक की सामान्य आय (यानि कुल आय से विशेष आय जैसे शेयर बाजार से आय, को हटा दिया जाए) पर कोई कर नहीं लगेगा, अगर आप नई व्यवस्था चुनते हैं।
- धारा 87A के तहत छूट ₹60,000 तक बढ़ा दी गई है।
- इसमें वेतनभोगी लोगों को 75,000 की सामान्य कटौती मिलती है।
- इसमें केवल दो प्रकार (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और अग्निवीर कॉर्पस कोस में किए गई निवेश) की कटौतियाँ मिलती है।
कर की दरें
पुरानी कर व्यवस्था:
- इसमें ₹5 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं लगता है।
- धारा 87A के तहत छूट ₹12,500 तक की दी जाती है।
- इसमें वेतनभोगी लोगों को 50,000 की सामान्य कटौती मिलती है।
- इसमें विभिन्न प्रकार की कटौतियाँ (जैसे जीवन बीमा, स्वास्थ बीमा, बच्चों की पढ़ाई पर किए गई खर्च ............आदि) मिलती है।
कर की दरें
नई कर व्यवस्था और पुरानी कर व्यवस्था में कटौतियों का विश्लेषण
उदाहरणों के साथ तुलना: कौन-सी व्यवस्था आपके लिए लाभदायक है?
उदाहरण 1: वेतन आय - ₹12.75 लाख, कोई निवेश नहीं:
इस उदाहरण में नई व्यवस्था लाभदायक है। क्योंकि इसमें कोई कर नहीं देना होगा ।
उदाहरण 2: वेतन आय- ₹5.95 लाख,अल्पकालीन पूंजीगत आय (यानि शेयर मार्केट से आय)- ₹45 हजार, ₹1.50 लाख का जीवन बीमा में निवेश:
इस उदाहरण में पुरानी व्यवस्था लाभदायक है, क्योंकि इसमें कोई कर नहीं देना होगा ।
अपने आय और निवेश के अनुसार सही कर व्यवस्था चुने और कर की बचत करें।
✍️ प्रकाश कुमार (चार्टड अकाउंटेंट छात्र)
संपर्क सूत्र: +91 74796 16033