अस्पताल बीमार, इलाज में लाचार – अतिक्रमण और अव्यवस्था की मार झेलता मुबारकपुर स्वास्थ्य केंद्र!
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: सारण जिले के माँझी प्रखंड अंतर्गत मुबारकपुर पंचायत स्थित ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र खुद बीमार होता नजर आ रहा है। जहां एक ओर सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जागरूकता अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर यह अस्पताल परिसर कचरे, अतिक्रमण और उपेक्षा की मार झेल रहा है। खुले स्थान पर निर्मित यह अस्पताल, जिसका उद्देश्य स्थानीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देना था, अब खुद अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। अस्पताल परिसर में स्थानीय लोगों द्वारा घासफूस, ईंट-बालू, खोप आदि जमा कर खलिहान जैसा रूप दे दिया गया है। कभी जब अस्पताल प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ विरोध जताया, तो असामाजिक तत्वों ने अस्पताल की खिड़कियां और शीशे तक तोड़ दिए।
स्थिति यह है कि चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी तमाम अव्यवस्थाओं के बीच मजबूरी में इलाज कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार यहां प्रतिदिन 25 से 30 मरीजों का इलाज किया जाता है, साथ ही आवश्यक दवाएं भी मुफ्त दी जाती हैं। यह अस्पताल डिलीवरी प्वाइंट भी है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में अक्सर मरीजों को रेफर करना पड़ता है। ग्रामीणों में भी सरकारी अस्पताल को लेकर जागरूकता की भारी कमी देखी जाती है। कई लोग शिविरों और जागरूकता अभियानों के बावजूद बाजार की दवा दुकानों का रुख करते हैं, जिससे भ्रम फैलता है और अन्य मरीज भी प्रभावित होते हैं।
स्थानीय निवासी राधा महतो ने कहा कि अस्पताल की सबसे बड़ी समस्या अतिक्रमण है, जिसपर प्रशासन को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। वहीं राहुल सिंह, ईश्वर सिंह, संजीत तिवारी, परमेश्वर तिवारी, लक्ष्मण ठाकुर, शिवधर बिन, लालू महतो, सरस्वती देवी, सोना देवी, शारदा कुँवर और गुद्दा देवी ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि अस्पताल की हालत देख खुद यह बीमार नजर आता है, फिर यह आम जनता का इलाज कैसे करेगा?
अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक कमल किशोर ने बताया कि चिकित्सकीय सेवाओं में कोई कमी नहीं है। एएनएम, आशा और महिला चिकित्सक भी तैनात हैं, लेकिन चारों ओर फैले अतिक्रमण और अव्यवस्था के कारण अस्पताल की क्षमता प्रभावित हो रही है। उन्होंने बताया कि बाउंड्री वॉल निर्माण अत्यंत आवश्यक है ताकि असामाजिक तत्वों से सुरक्षा मिल सके और अस्पताल को एक सुव्यवस्थित स्वरूप दिया जा सके।