पिरामल फाउंडेशन और समुदाय की साझी पहल लाई रंग, वर्षों से ड्रॉपआउट बच्चों का पुनः नामांकन!
पंचायत मुखिया, गांधी फेलो और अभिभावकों के समन्वय से 9 बच्चे लौटे शिक्षा की मुख्यधारा में!
गोपालगंज (बिहार): शिक्षा की अलख जगाने की दिशा में उचकागांव प्रखंड के साखे खास पंचायत ने एक मिसाल पेश की है। यहां पिरामल फाउंडेशन की पहल, पंचायत प्रतिनिधियों की भागीदारी और ग्रामीण समुदाय के सहयोग से बीते वर्षों से स्कूल छोड़ चुके नौ बच्चों का पुनः नामांकन कक्षा आठ में कराया गया है।
इस महत्वपूर्ण पहल को अंजाम देने के लिए पंचायत स्तर पर सामुदायिक बैठक आयोजित की गई, जिसमें पंचायत मुखिया, शिक्षक, अभिभावक और ग्रामीणों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। बैठक में बच्चों के ड्रॉपआउट होने के कारणों और समाधान पर खुलकर चर्चा हुई, जिसके बाद सभी ने मिलकर इन बच्चों को फिर से विद्यालय भेजने का संकल्प लिया।
गांधी फेलो अविनाश शाह और परियोजना लीडर नितेश कुमार तिवारी ने गांव में घर-घर जाकर बच्चों और अभिभावकों से संवाद स्थापित किया। उन्होंने बताया कि इनमें कई बच्चे पिछले दो से तीन वर्षों से स्कूल से बाहर थे, लेकिन लगातार समझाइश और सामूहिक प्रयास से उन्हें शिक्षा की राह पर लाना संभव हो सका।
अविनाश शाह ने कहा, “जब बच्चों ने स्कूल आना शुरू किया तो उनकी आंखों में उम्मीद की चमक थी। यह बदलाव सामूहिक सोच और सहयोग से ही मुमकिन हुआ।”
वहीं नितेश कुमार तिवारी ने कहा, “पिरामल फाउंडेशन का लक्ष्य है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। यह पहल दिखाती है कि जब पंचायत और समुदाय साथ आते हैं, तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं।”
पंचायत मुखिया ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि “हर बच्चे को स्कूल तक पहुंचाना हमारा दायित्व है, और भविष्य में भी हम ऐसे हर प्रयास में आगे रहेंगे।”
स्थानीय विद्यालय प्रशासन और शिक्षकों ने भी इस प्रयास की प्रशंसा की है और कहा कि यह उदाहरण अन्य पंचायतों के लिए भी प्रेरणादायक बन सकता है। ऐसे सामूहिक प्रयासों से ही शिक्षा की रोशनी हर घर तक पहुंच सकेगी।