जमाबंदी रद्दीकरण, अतिक्रमण हटाने और सैरात भूमि की जांच को लेकर जिलाधिकारी ने की समीक्षा बैठक!
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फाइल फोटो: जिलाधिकारी |
///जगत दर्शन न्यूज
सारण (बिहार): जिला परिषद, बेतिया राज और हथुआ राज की भूमि से जुड़ी व्यवस्थाओं, अतिक्रमण हटाने, सैरात/हाट बाजार बंदोबस्ती और सरकारी भूमि पर अवैध जमाबंदी को लेकर जिलाधिकारी श्री अमन समीर की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया कि जिला परिषद की सभी भूमि का भौतिक सत्यापन कर सात दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। सत्यापन में यह सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित भूमि पर जमाबंदी कायम है या नहीं, यदि है तो किसके नाम से है। खाली भूमि के बारे में भी यह स्पष्ट किया जाए कि वह NH या SH किनारे है या अतिक्रमण की चपेट में है।
जमाबंदी रद्दीकरण अभियान
जिलाधिकारी ने आदेश दिया कि इस माह के अंत तक सरकारी भूमि पर अवैध जमाबंदी को रद्द करने का प्रस्ताव भेजा जाए। सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे को रोकने के लिए मई माह के प्रथम पक्ष तक सभी अतिक्रमण हटाने के भी निर्देश दिए गए। इस कार्य की निगरानी अनुमंडल पदाधिकारियों और उप समाहर्ताओं को सौंपी गई है।
सैरात/हाट बाजार बंदोबस्ती की समीक्षा
प्रत्येक वर्ष जिला परिषद द्वारा की जाने वाली सैरात/हाट बाजार की बंदोबस्ती की जांच के लिए उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक विशेष टीम का गठन किया गया। यह टीम अंचलाधिकारियों की मदद से यह सत्यापित करेगी कि बंदोबस्ती की गई भूमि वास्तव में जिला परिषद की है या नहीं और क्या इसे बंदोबस्त करना आवश्यक है।
बेतिया राज एवं हथुआ राज की भूमि का सत्यापन
सभी अंचलाधिकारियों को 15 दिनों के भीतर बेतिया राज और हथुआ राज की भूमि का भौतिक सत्यापन कर निजी और सरकारी कब्जे के प्रमाणों को एकत्रित करने का निर्देश दिया गया। साथ ही, खाली भूमि का सीमांकन कर उसे घेरने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए।
अतिक्रमण हटाने के कड़े निर्देश
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी कार्यों की निगरानी अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी और उप समाहर्ता करेंगे। बैठक में अपर समाहर्ता, जिला परिषद के अभियंता, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, उप समाहर्ता एवं अंचलाधिकारी भौतिक और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल रहे।