ई-पत्रिका "काव्य पीयूष" का भव्य विमोचन संपन्न
नई दिल्ली: संवाददाता प्रेरणा बुड़ाकोटी: माँ सरस्वती राष्ट्रीय काव्य मंच भारत, अंतरराष्ट्रीय मानवीय मूल्यों की माला मंच भारत, और पालिंगो भाषा संस्थान मंच भारत के संयुक्त तत्वावधान में एक भव्य काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ई-पत्रिका "काव्य पीयूष" का विधिवत विमोचन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महेश प्रसाद शर्मा ने की, जबकि मुख्य अतिथि माला सिंह, विशिष्ट अतिथि डॉ. अर्चना पाण्डेय, कार्यक्रम प्रसारिका प्रेरणा बुड़ाकोटी, तथा कार्यक्रम संयोजक एवं ई-पत्रिका के संपादक श्री रतिराम गढ़ेवाल ज्ञान पिपासु रहे। कार्यक्रम में संरक्षक के रूप में भारत भूषण वर्मा तथा विशेष मार्गदर्शक भावना गुप्ता उपस्थित रहे। मंच संचालन उर्मिला कुमारी ने किया।
काव्य गोष्ठी में देशभर के कवियों ने दी सहभागिता
इस गोष्ठी में देशभर के कई प्रतिष्ठित कवियों और साहित्यकारों ने भाग लिया। सहभागी कवियों में प्रमुख रूप से डॉ. पुष्पा जैन (इंदौर), रमेश कुमार द्विवेदी चंचल (सुल्तानपुर, यूपी), डॉ. ब्रजेंद्र नारायण द्विवेदी शैलेश (वाराणसी), प्रभाकर सिंह मयंक (देवरिया, यूपी), डॉ. अर्चना पाण्डेय (भिलाई, छत्तीसगढ़), डॉ. देवी दीन अविनाशी (हमीरपुर, यूपी), डॉ. ऋषिका वर्मा (गढ़वाल, उत्तराखंड), डॉ. शरीफ खान (कोटा, राजस्थान), भावना गुप्ता (पुणे, महाराष्ट्र), डॉ. अनीता जठार (पुणे), विनोद अष्टुल (पुणे), डॉ. निर्मला राजपूत (पुणे), डॉ. निराला पाठक (रांची, झारखंड), डॉ. ज्योति कृष्ण मिश्रा (पुणे), शिल्पा अनुपम गुप्ता (कटनी, म.प्र.), डॉ. रूपाली गर्ग (नवी मुंबई), मनीषा नामदेव (जबलपुर), पुहुप राम यदु (छत्तीसगढ़), रामदेव शर्मा राही (मथुरा), मेघा अग्रवाल (नागपुर), डॉ. प्रमोद आदित्य (रायपुर), डॉ. चंदा देवी स्वर्णकार (जबलपुर), मनीषी शेखर (छत्तीसगढ़), शुभांगी रमेश गुरव आनंद (पुणे), डॉ. शशिकला अवस्थी (इंदौर), संजय सरस (रांची), नेहा धामा विजेता (बागपत), डॉ. कमला माहेश्वरी (बदायूं), डॉ. अंबे कुमारी (बोधगया, बिहार), सुनंदा गावंडे (बुरहानपुर), मंजूषा दुग्गल (करनाल, हरियाणा) सहित अन्य साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।
साहित्य और काव्य की अनमोल प्रस्तुति
कार्यक्रम में स्वतंत्र विषय पर आधारित काव्य पाठ हुआ, जिसमें कवियों ने विविध विषयों पर अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। इस अवसर पर ई-पत्रिका "काव्य पीयूष" का विमोचन किया गया, जिसे साहित्य जगत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।
इस गोष्ठी के समापन अवसर पर माला सिंह और श्री रतिराम गढ़ेवाल ज्ञान पिपासु ने सभी सहभागियों का आभार व्यक्त किया। यह आयोजन साहित्यिक समृद्धि और मानवीय मूल्यों की उन्नति की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम रहा।