विश्वशांति महायज्ञ के जल भरी में उमड़ा श्रद्धा का जनसैलाब, शोभायात्रा में दिखा भक्ति और सांस्कृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम!
सारण (बिहार): जिले के सुप्रसिद्ध सूर्य नारायण मंदिर, कोठियाँ-नरावं परिसर में आयोजित नव दिवसीय नारायण विश्वशांति महायज्ञ के अवसर पर आज एक भव्य शोभायात्रा सह कलश यात्रा निकाली गई। इस अवसर पर कोठियाँ-नरावं क्षेत्र सहित आसपास के गांवों में भक्तिमय उल्लास और धार्मिक उमंग का अद्भुत नजारा देखने को मिला।
शोभायात्रा का शुभारंभ सुबह 6 बजे हुआ, जिसमें रथ, हाथी, घोड़े, ऊँट, बैंड-बाजा, सिंघा और डीजे की भव्य सजावट के साथ राम दरबार, शिव परिवार और अन्य धार्मिक झांकियां शामिल रहीं। कलश धारण किए महिलाएं पारंपरिक परिधान में शोभायात्रा की शोभा बढ़ा रही थीं, वहीं युवक-युवतियां डीजे की भक्ति धुनों पर नाचते-गाते “जय श्रीराम”, “हर हर महादेव”, “जय गंगा मइया” के नारों से वातावरण को गुंजायमान कर रहे थे।
शोभायात्रा का मार्ग नरावं गढ़वाल टोला, धनौरा बाजार, मुसेपुर चौक, डुमरी अड्डा, सिंगही चौक होते हुए सिंगही गंगा घाट तक रहा, जहां गंगा जल भरने की धार्मिक प्रक्रिया संपन्न हुई।
गंगा घाट पर धार्मिक अनुष्ठान:
गंगा तट पर यज्ञाचार्य डॉ. भारद्वाज शास्त्री जी महाराज ने वैदिक मंत्रोच्चारण और विधिपूर्वक संकल्प करा कर यज्ञ में भाग लेने वाले जजमानों तथा कलश धारण करने वाले श्रद्धालुओं को पवित्र गंगा जल भरवाया।
भक्तों का अपार जनसमूह:
इस कलश यात्रा में कोठियाँ-नरावं, मदनपुर, धनौरा, मुसेपुर, मौजमपुर, कंसदियर, चेनपुरवा, बड़ा गोपाल, छोटझौंवा, धर्मबागी, सप्तापुर, डुमरी, सिंगही, नवतन, कसीना, हिम्मतपुर, झौंवा सहित दर्जनों पंचायतों से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भागीदारी रही।
विशेष उपस्थिति:
रथ पर यज्ञाचार्य डॉ. भारद्वाज शास्त्री जी महाराज के साथ अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक डॉ. पुण्डरीक शास्त्री जी महाराज, श्री श्री 108 सप्तऋषि आत्मारामदास जी महाराज, मुख्य पुजारी विष्णुदास जी उर्फ फलाहारी बाबा (मथुरा), साधु-संत (वृंदावन, अयोध्या, रांची, फतेहा से पधारे), यज्ञ समिति सदस्य, स्थानीय जनप्रतिनिधि, महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे और युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए।
आस्था और संस्कृति का मिलन:
यह शोभायात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि संस्कृति, श्रद्धा और समाज की एकजुटता का प्रतीक बन गई। सम्पूर्ण क्षेत्र में आज का दिन ऐतिहासिक और भावनात्मक रूप से उल्लासपूर्ण रहा।