विचार विमर्श
हम सब भारतीय हैं!
अमरीका में अवै़ध रूप से रहने वाले जो भारतीय वहां से यहां वापस भेजे जा रहे हैं, उनके बेड़ियों को जकड़ कर यहां लाया जा रहा है। अमरीका से भारत ने इसे लेकर विरोध प्रकट भी किया है लेकिन अमरीका के अपने कानून हैं। काफी साल पहले अमरीका के भारत के वाणिज्य दूतावास में कार्यरत किसी भारतीय महिला अधिकारी जब यहां से किसी लड़की को घरेलू कामगार के रूप में वहां ले जाकर काफी कम वेतन देकर काम करा रही थी तो उसने अमरीकी पुलिस को इसकी जानकारी दी थी और फिर वहां पुलिस स्टेशन में अमरीकी मार्शलों ने उस भारतीय महिला राजनयिक को निर्वस्त्र तलाशी लेकर जलील किया था। अमरीका में किसी कमजोर आदमी को वेतनादि के भुगतान में उत्पीड़ित नहीं किया जा सकता है। यह हमारे देश का भी कानून होना चाहिए। समाज में अपनी संभ्रांतता के हवाले से अपने वेतन और कामकाज के कानून बना कर लोगों से श्रम मेहनत कराने वाले लोग जब तक यहां थाना में ले लाकर नंगे नहीं किए जाएंगे तब तक यहां ऐसे ही लोग कमजोर लोगों से काम-धाम कराते रहेंगे। पाकिस्तान के अलावा सारी दुनिया में भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं।
किसी महिला को निर्वस्त्र करके जब तलाशी ली जाती है तो इससे तलाशी लेने वाले लोगों को क्या मिलता है?
निश्चित रूप से इसका उत्तर देना कठिन है। महिला अपनी निर्वस्त्र दशा में कुछ कहने सुनने की स्थिति में नहीं होती है। बेहद नीच किस्म के लोग हमारे समाज में इन सब कामों को करते हैं। क्या अमरीका की सरकार में शामिल लोग ऐसे ही नीच किस्म के लोग हैं? मेरे चचेरे भाई गोपाल जी यहां लखीसराय जिले में स्थित इंदुपुर गांव में सूद पर रुपए पैसे देने वाले लोगों के द्वारा पैसा वापस नहीं करने पर महाजनों के द्वारा ऐसे लोगों के घर से रात में उनकी पत्नी बेटी को बंदूक की नोक पर निकलवाकर उनको नग्न करने की किसी वारदात के बारे में बताया करते थे। कर्ज के दुश्चक्र में गोपाल जी भी पड़ गये और उसी समय मृत्यु शैय्या पर भी पड़े हुए थे । गोपाल जी ने गांव के जिस आदमी के साथ घटित घटना का जिक्र किया था वह गुजर चुका है। वह दलित जाति का एक ट्यूटर था।
इंदुपुर में सूद का कारोबार सौ पचास रुपए से भी लोगों ने शुरू किया और आज इनमें से काफी सुखी संपन्न हो गये हैं। वे गांजा पीते हैं और भोज भात में भी भाग लेते हैं।मध्ययुगीन बर्बर असभ्य जीवन संस्कृति से आज भी समाज बाहर नहीं आ पा रहा । मोदी सरकार के लिए अमरीका से बेड़ियों में भारत लौटने वाले यहां के लोग वैसे कोई गणमान्य लोग नहीं हैं और यहां भी इन लोगों का आधार बना है या नहीं इसकी जांच होनी चाहिए और इस मामले में गृह मंत्रालय बिहार सरकार को नोडल एजेंसी घोषित करके ठीक से बातों का पता लगाए। सारी दुनिया के देश अवैध आप्रवासन में संलग्न भारतीयों को वापस भेजें। इनमें मुसलमान सब भी काफी संख्या में शामिल हैं। मुसलमानों ने देश को छोड़कर सबको जलील किया और विदेशों की अपनी कमाई से सरकार को एक पैसा कभी नहीं दिया अगर अपनी कमाई से उन्होंने पोस्ट आफिस, बैंक के मार्फत यहां पैसा भेजा भी तो वह अपने घर के लोगों के लिए उन्होंने पैसा भेजा। आखिर कार देश की सरकार कहां से पैसा लाएगी और पाकिस्तान चीन के साथ हमले की दशा में जंग के लिए हथियार कहां से खरीदेगी। सरदार सब भी अवैध रूप से देश को छोड़कर विदेशों में रहते हैं और इनमें से काफी लोग साजिश रचते हैं।