उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा पर अवस्थित दरौली के मनियर टुकड़ा गांव में स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित कर सैकड़ों ग्रामीणों का किया गया स्वास्थ्य परीक्षण!
सरकार और स्वास्थ्य विभाग के अतिमहत्वपूर्ण कार्यक्रमों में जनसंख्या स्थिरीकरण पहली प्राथमिकताओं में शामिल: सिविल सर्जन
परिवार के विकास में जनसंख्या स्थिरीकरण का अहम योगदान: पीरामल स्वास्थ्य
सिवान (बिहार): जिला मुख्यालय से लेकर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं सहित हर तरह की चिकित्सीय सेवा उपलब्ध कराने के उद्वेश्य से विभागीय अधिकारियों के अलावा सहयोगी संस्थाओं द्वारा हर संभव प्रयास किया जाता है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि हर एक व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्वेश्य से जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलों मीटर जबकि प्रखंड मुख्यालय से 20 किलों मीटर दूर सरयू नदी के दियारा क्षेत्र कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश की सीमा पर अवस्थित लगभग 87 घरों के लगभग 15 सौ से अधिक जनसंख्या वाले छोटे से गांव में स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन कर बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध गई हैं। जिसमें सैकड़ों ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिनियुक्त प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा एनसीडी स्क्रीनिंग, टीबी बीमारी, टीकाकरण, परिवार नियोजन सहित कई अन्य प्रकार की बीमारियों से संबंधित जांच और निःशुल्क दवा का वितरण किया गया है। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि इस स्वास्थ्य जांच शिविर में सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा अतिमहत्वपूर्ण कार्यक्रम जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग, पीसीआई और पीरामल स्वास्थ्य के द्वारा संयुक्त रूप से सास, बहु और बेटी सम्मेलन का आयोजन कर विस्तार पूर्वक चर्चा कर जागरूक किया गया।
स्वास्थ्य जांच शिविर में सैकड़ों ग्रामीणों का किया गया स्वास्थ्य परीक्षण: एमओआईसी
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दरौली के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ लालाबाबू यादव ने बताया कि जिले के टापू कहे जाने वाले कसिला पचवेनिया पंचायत अंतर्गत मनियर टुकड़ा- 01 गांव के प्राथमिक विद्यालय परिसर में प्रधानाध्यापिका कुमारी निर्मला के अध्यक्षता में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) बलहु के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) अभिषेक राय और एएनएम गुड्डी कुमारी द्वारा स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित कर सैकड़ों ग्रामीणों का विभिन्न प्रकार की बीमारियों का जांच किया गया। जिसमें यक्ष्मा विभाग की ओर से एसटीएलएस बलजीत कुमार और डाटा ऑपरेटर पंकज कुमार के द्वारा टीबी मुक्त अभियान अंतर्गत लगभग 20 लोगो को जांच किया गया। जिसमें एक व्यक्ति को संदिग्ध पाया गया है। जिसको पीएचसी बुलाया गया है। वहीं परिवार नियोजन के तहत 08 महिलाओं को अस्थाई तौर पर दवा और सुई लगाई गई। जबकि तीन बच्चों को टीकाकृत किया गया। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से परामर्शी अमित सिंह ने लगभग 40 से अधिक लोगों का एनसीडी स्क्रीनिंग के तहत 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का उच्च रक्तचाप और मधुमेह सहित कई अन्य प्रकार की स्वास्थ्य जांच करने के बाद उचित सलाह और निःशुल्क दवा दिया गया है।
परिवार के विकास में जनसंख्या स्थिरीकरण का अहम योगदान: पीरामल स्वास्थ्य
पीरामल स्वास्थ्य के कार्यक्रम प्रमुख राजेश कुमार तिवारी ने कहा कि हेल्थ कैंप आयोजित कर विभिन्न प्रकार की बीमारियों से संबंधित जांच, दवा और जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसमें सास, बहु और बेटी सम्मेलन के माध्यम से परिवार नियोजन को बढ़ावा देना, जनसंख्या स्थिरीकरण, मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, सास-बहू के बीच बेहतर संबंध और पुरुषों की सहभागिता को शत प्रतिशत सुनिश्चित किया गया है। क्योंकि सास, बेटी और बहु सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देना और जनसंख्या स्थिरीकरण को सुदृढ़ करना है, ताकि मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी आए और बेहतर मातृत्व स्वास्थ्य सुनिश्चित हो सके। इसी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए 20 महिलाओं के बीच कीट का वितरण किया गया। जिसमें अस्थाई साधनों सहित जानकारी योग्य सामग्रियां भी शामिल है। परिवार के विकास में जनसंख्या स्थिरीकरण का अहम योगदान रहता है। जिसके लिए महिलाओं से अधिक पुरुषों की सहभागिता को भी सुनिश्चित किया जाता है, क्योंकि परिवार नियोजन के निर्णय लेने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इस अवसर पर सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, आंगनबाड़ी सेविका प्रिया यादव, सहायिका, आशा फेसिलेटर मनोरमा देवी, आशा कार्यकर्ता गायत्री देवी, पीसीआई के रणवीर कुमार तिवारी, पिरामल स्वास्थ्य के कार्यक्रम प्रमुख मिथिलेश कुमार पाण्डेय सहित कई अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।