राज्यस्तरीय टीम ने दो दिनों में आधा दर्जन से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर का किया मूल्यांकन!
ग्रामीण क्षेत्रों के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत किया जाना है प्रमाणीकरण: डीसीक्यूए
मरीजों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं का किया गया मूल्यांकन: डॉ कुमार रवि रंजन
सारण (बिहार): ग्रामीण क्षेत्र में घर के पास हीं मरीजों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत प्रमाणीकरण किया जाना है। जिसको लेकर राज्य स्तरीय टीम द्वारा सिवान जिले के बसंतपुर सीएचसी अंतर्गत समरदह गांव स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर का प्रमाणीकरण किया गया। इस अवसर पर जिला सलाहकार गुणवत्ता यक़ीन (डीसीक्यूए) डॉ कुमार अभिमन्यु ने बताया कि राज्य स्तरीय टीम में शामिल पूर्वी के जिला योजना समन्वयक (डीपीसी) भारत भूषण और लैब टेक्नीशियन बबिता चौरसिया के द्वारा संयुक्त रूप से गोरेयाकोठी के जगदीशपुर, लकड़ी नबीगंज के गोपालपुर, हुसैनगंज के माहपुर, मैरवा के इंग्लिश और नौतन के ठाकुर के रामपुर स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर का निरीक्षण किया गया।इस अवसर पर एमओआईसी डॉ अभिषेक कुमार राज, बीएचएम विनोद सिंह, सीएचओ राहुल शर्मा, एएनएम निर्मला कुमारी, लकड़ी नबीगंज के गोपालपुर पर एमओआईसी डॉ राजेश कुमार रंजन, सी एच ओ जमाल मुस्तफा, ए एन एम लीलावती और तारा कुमारी, हुसैनगंज के माहपुर एचडब्ल्यूसी का मूल्यांकन के दौरान एम ओ आई सी डॉ अंशु अंकित, सीएचओ अंजू प्रजापति और ए एन एम सुनीता कुमारी, रतन पड़ौली पर एम ओ आई सी डॉ विजय कुमार और सीएचओ आलमगीर सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।
पीरामल स्वास्थ्य की रानी कुमारी गुप्ता ने बताया कि मुजफ्फरपुर के डीसीक्यूए डॉ संजय कुमार और पटना की डीसीक्यूए डॉ स्वाति प्रभा ने रघुनाथपुर के आदमपुर का भौतिक रूप से मूल्यांकन किया। वहीं बसंतपुर के समरदह और भगवानपुर हाट के रतन पड़ौली आयुष्मान आरोग्य मंदिर का निरीक्षण पश्चिमी चंपारण के डीसीक्यूए डॉ आलोक कुमार और जिला शहरी स्वास्थ्य सलाहकार चंद्र किशोर के द्वारा संयुक्त रूप से एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए निरीक्षण किया गया। इस दौरान टीम के सदस्यों ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मिलने वाली सुविधाओं, दवा की उपलब्धता और रख- रखाव, उपकरणों की रख- रखाव, साफ- सफाई- बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण, आधारभूत संरचना सहित विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम से संबंधित कागजात की जांच की गयी। साथ हीं सीएचओ और एएनएम से पूछताछ की गयी। जहां कमी पायी गयी उसे पूरा करने का निर्देश दिया गया। साथ हीं स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक सुझाव दिया गया।
बसंतपुर सीएचसी के एमओआईसी डॉ कुमार रवि रंजन ने बताया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 151 प्रकार का दवा, 14 प्रकार के जांच की सुविधाएं, टीकाकरण, प्रसव पूर्व जांच, परिवार नियोजन की सेवा, ओपीडी, संचारी रोग, गैर संचारी रोग, मानसिक स्वास्थ्य, पीने का पानी, हर्बल गार्डन, शौचालय, अग्निश्मन यंत्र के साथ स्वच्छ वातावरण में गुणवत्ता पूर्ण सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रहीं है। वहीं बीमारियों की जांच के लिए 14 प्रकार की जांच सुविधा उपलब्ध है। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के प्रमाणीकरण से एएनसी, टीकाकरण, ओपीडी, परिवार नियोजन, आउटरीच में होने वाले कार्यक्रम का विस्तार होगा। मरीजों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं का मूल्यांकन होने से उक्त संस्थान पर उपलब्ध सेवाओं का विस्तार होगा। साथ ही केंद्र पर व्यवस्थाओं में सुधार होगा। जिसका सीधा असर स्वास्थ्य सुविधाओं पर पड़ेगा। एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के बाद गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ने से स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों के लिए मिलने वाली सुविधाओं से स्थानीय लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा। इस अवसर पर सिफ़ार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, बीसीएम सरफराज अहमद, सीएचओ टीपू सुल्तान, नवाज शरीफ सहित कई अन्य एएनएम और आशा कार्यकर्ता मौजूद रहें।