अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर जोहर दर्पण के तत्वाधान में ई काव्य सम्मेलन संपन्न!
नई दिल्ली: संवाददाता प्रेरणा बुड़ाकोटी: जोहार दर्पण काव्य मंच के पटल पर शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के अवसर पर काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। इस मंच के संयोजक सह अध्यक्ष आदरणीय पंकज कुमार दास के दिशा निर्देश में निर्धारित समय से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। विशिष्ट अतिथि के रूप में झारखंड के शिक्षाविद् एवं खोरठा भाषा के रचनाकार महेंद्र नाथ गोस्वामी सुधाकर मुख्य अतिथि के रूप में पटल पर हमारे साथ बने रहे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता उपन्यासकार श्यामल मुंशी ने की। डा० मीरा कनौजिया के द्वारा मां सरस्वती के आह्वाहन वंदन में साज के साथ प्रार्थना की प्रस्तुति मंच को मुग्ध कर गई। संध्या रानी ने सफल मंच संचालन की। इस काव्य गोष्ठी के सूत्र में कवियों की प्रस्तुति मोती पिरोने का कार्य हुआ।
इन मोतियों में मीरा कनौजिया, देवानंद मिश्रा, गोविंद कुमार, सुनीता तिवारी, सुरभि शुक्ला, संजय हजारीबागी, पुष्पा कुशवाहा, अमर कुमार प्रमाणिक, सोनम झा, अंत्रिका सिंह, अखिल मिश्र, महेश तंवर, जोहार दर्पण की संपादिका कविता साव, जोहार दर्पण के संयोजक सह अध्यक्ष पंकज कुमार दास, विशिष्ट अतिथि सुधाकर एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्यामल मुंशी ने अपनी अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी।
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में हिंदी के साथ-साथ खोरठा, भोजपुरी, राजस्थानी, अंगिका एवं मैथिली आदि मातृभाषा में सुंदर काव्य प्रस्तुति हुई। गीत, दोहे, कविता, और हास्य के मिश्रित कण मीठा रस घोलते रहे। प्रत्येक कलमकार के कलम की स्याही अपनी मातृभाषा में रचना सृजन की आस ,विश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ संजय हजारीबागी के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन करने सभा समाप्ति की घोषणा हुई।
जोहार दर्पण पत्रिका के संयोजक सह अध्यक्ष पंकज कुमार दास ने बताया कि इस मंच का मुख्य उद्देश्य नए कलमकारों को एक ऐसा मंच प्रदान करना है जहां उन्हें एक पहचान मिले और उनके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हो।