नीतीश सरकार का कैबिनेट विस्तार, किनकी रही हिस्सेदारी?
पटना (बिहार): 26 फरवरी को जब कैबिनेट का विस्तार हुआ तो भूमिहार जाति से आने वाले जीवेश मिश्रा को नीतीश कैबिनेट में शामिल कर हिस्सेदारी पूरी कर दी. लेकिन, यादवों पर भाजपा ने भरोसा नहीं किया। इस बार के कैबिनेट विस्तार में भी इस जाति को जगह नहीं मिली। जबकि यादव समाज से आने वाले कई विधायकों के नाम की चर्चा थी। लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने दल के किसी यादव विधायक-विधान पार्षद पर भरोसा नहीं जताया। दरअसल, भाजपा को लगता है कि पार्टी चाहे जो भी पद दे, लेकिन विधानसभा चुनाव में यादव जाति के वोटर एनडीए को वोट नहीं करेंगे। यादव जाति के वोटर आज भी राजद से जुड़े हैं। लिहाजा शीर्ष नेतृत्व ने यादवों पर भरोसा करने की बजाय, अति पिछड़ी जाति के वोटरों में अपनी पैठ को और मजबूत बनाने में जुटी है। यही वजह है कि आज सात मंत्रियों में दो अति पिछड़ी जाति से आते हैं।
इन विधायकों ने मंत्री पद की ली है शपथ
रीगा से विधायक मोतीलाल प्रसाद (तेली) अति पिछड़ी जाति से हैं। सिकटी से विधायक विजय मंडल (कैवर्थ) अति पिछड़ी जाति से आते हैं। साहेबगंज से भाजपा के विधायक राजू सिंह (राजपूत) हैं। बिहारशरीफ से विधायक सुनील कुमार (कुशवाहा ) हैं। जाले से जीवेश मिश्रा (भूमिहार) हैं। अमनौर से विधायक कृष्ण कुमार मंटू (कुर्मी) और दरभंगा के विधायक संजय सरावगी ( वैश्य) जाति से आते हैं।