कृत्रिम वस्तुओं की ओर अनवरत बढ़ रहे झुकाव की प्रवृति ही मानव के दुःख का सबसे बड़ा कारण है।: संत नारद बाबा
सारण (बिहार) संवाददाता मनोज कुमार सिंह: प्रकृति प्रदत्त वस्तुओं से दूरी बनाने तथा कृत्रिम वस्तुओं की ओर अनवरत बढ़ रहे झुकाव की प्रवृति ही मानव के दुःख का सबसे बड़ा कारण है। यह बातें रविवार को माँझी प्रखण्ड के गोबरहीं स्थित शिव धाम परिसर में पधारे सुप्रसिद्ध संत नारद बाबा ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहीं। उन्होंने पिछले पाँच दशकों में हुए प्राकृतिक एवम सामाजिक बदलाव पर लोगों से आत्ममंथन करने का सुझाव दिया। उन्होंने मानव के जीवन में आध्यात्मिकता की ओर अग्रसर होने वाले आत्मबोध को जीत तथा सांसारिकता की ओर अनवरत बढ़ती मानसिकता की प्रवृत्ति को हार की संज्ञा दी।
उन्होंने कहा कि जब धरती का पुण्य उदय होता है तभी भगवान का प्रतिष्ठापन और यज्ञ एवम हवन पूजन का आयोजन सम्भव होता है। गोबरहीं शिव शक्ति धाम परिसर में 18 फरवरी से प्रस्तावित श्री रुद्र महायज्ञ में देश के कोने कोने से अनेक सिद्ध संत व महात्माओं तथा मूर्धन्य विद्वानों के आगमन के मद्देनजर अभूतपूर्व भीड़ उमड़ने की भविष्यवाणी करते हुए उन्होंने भक्तों के रहने तथा उनके खाने पीने की व्यापक व्यवस्था करने की सलाह दी।
मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता अजय सिंह, विजय सिंह, जितेंद्र सिंह, पूर्व जिला पार्षद धर्मेन्द्र सिंह समाज, पूर्व मुखिया देवेन्द्र सिंह, डीलर संघ के प्रखंड अध्यक्ष राम नारायण सिंह तथा बीडीसी प्रतिनिधि सुनील कुमार पाण्डेय समेत अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।