नरसिंहपुर भाजपा जिलाअध्यक्ष को लेकर घमासान, दोनों मंत्रियों का गुट पहुंचा भोपाल.!
जिला अध्यक्ष को लेकर दोनों मंत्रियों में नहीं बन पा रही सहमति.! भोपाल में मची गुटबाजी की खींचतान..!
नरसिंहपुर (मध्यप्रदेश) संवाददाता राजकुमार दुबे: भाई ये नरसिंहपुर है.. और इसी जिले के लोगों को प्यार से नरसिंहपुरिया कहा जाता है..लेकिन नरसिंह की भूमि पर राजनीति में कभी इतनी खींचतान नहीं देखी जितनी भाजपा जिलाध्यक्ष के चुनाव के दौरान देखने को मिल रही है.? प्रदेश में भाजपा अबतक 56 जिला अध्यक्षों के नाम की घोषणा कर चुकी है। लेकिन प्रदेश में 5 जिला अध्यक्षों के नाम का ऐलान करने में प्रदेश नेतृत्व के भी पसीने छूट रहे हैं इन्हीं 5 जिलों में नरसिंहपुर जिला भी शामिल है। नरसिंहपुर जिले में अबतक जिला अध्यक्ष की घोषणा क्यों नहीं हो पाई है इसके पीछे की कहानी से आपको हम रूबरू कराते है.... दअरसल नरसिंहपुर जिले में चारों विधानसभा सीटें भाजपा के खाते में हैं जिले से भाजपा के दो मंत्री हैं नरसिंहपुर विधानसभा से प्रहलाद सिंह पटेल, ओर गाडरवारा विधानसभा से राव उदय प्रताप सिंह दोनों ही कैबिनेट में मंत्री है। दोनों ही मंत्री चाहते है कि नरसिंहपुर में उनसे जुड़ा हुआ व्यक्ति ही जिला अध्यक्ष बने! जानकार और हमारे सूत्र बताते हैं.. कि विधानसभा चुनाव से ही भाजपा के दोनों ही मंत्रियों में आपसी मनमुटाव और खींचतान बनी हुई है यही कारण है कि शीर्ष नेतृत्व अबतक नरसिंहपुर में अपने जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं कर पाया है! बीते दिनों शीर्ष नेतृत्व ने नरसिंहपुर जिला अध्यक्ष के नाम का ऐलान करने भाजपा जिला निर्वाचन अधिकारी को नरसिंहपुर भेजा । लेकिन उनके भाजपा कार्यालय आने के बाद राजनीति इस कदर हुई कि गाडरवारा विधानसभा के मंडल अध्यक्षों ने उस मीटिंग से दूरी बना ली जिसमें जिला अध्यक्ष के नाम की घोषणा की जानी थी। क्योंकि सुनने में आया कि प्रहलाद पटेल की समर्थक बीना ओसवाल के हाथ में नरसिंहपुर की कमान सौंपी जा रही है! जिसका गाडरवारा विधानसभा ओर अन्य मंडल अध्यक्षों ने विरोध किया । देखने वाली बात ये रही कि सत्ताधारी पार्टी को उस मीटिंग में पुलिस सुरक्षा लेनी पड़ी ये चर्चा अखबारों में भी देखने को मिली । मीटिंग में बढ़ते विरोध के बीच जिला निर्वाचन अधिकारी और भोपाल सांसद आलोक शर्मा बिना नाम का ऐलान किए ही भोपाल लौट गए.!
अब दो-तीन दिनों से जो राजनीति जिला अध्यक्ष को लेकर हो रही है उसे समझिए...
बीते दिनों प्रहलाद पटेल के समर्थक नरसिंहपुर, गोटेगांव, करेली, ओर गाडरवारा विधानसभा से भाजपा शीर्ष नेतृत्व से मिलने पहुंचे ओर मंत्री प्रहलाद पटेल के समर्थकों को नरसिंहपुर जिला अध्यक्ष बनाए जाने की मांग रखी । वही मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने गाडरवारा से भी अपने समर्थक का नाम जिला अध्यक्ष के लिए रखा है..। अब बीते दिन इस घटनाक्रम के बाद दूसरे गुट यानी मंत्री उदय प्रताप के समर्थकों के भोपाल जाने की खबर भी सूत्रों से सामने आई है! मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के समर्थक भी मंत्री उदय प्रताप के समर्थक को जिला अध्यक्ष बनाने की मांग आज भाजपा शीर्ष नेतृत्व से कर सकते हैं! जिला अध्यक्ष के चुनाव को लेकर जिले में राजनीति इतनी गरमा गई है कि दोनों मंत्रियों को अपना प्रतिनिधि मंडल भोपाल भेजना पड़ा है..! लेकिन इस गुटबाजी की राजनीति से आम कार्यकर्ता जो पार्टी के लिए काम करने वाला है वो पार्टी से दूरी बना रहा है आम कार्यकर्ता नेताओं की गुटबाजी में नहीं फंसना चाहता..? जिले में हो रही इस तरह की राजनीति में क्या इसका फायदा भविष्य में कांग्रेस को मिलेगा या नहीं ये आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन फिलहाल आगे आने वाले समय में नरसिंहपुर जिले में भाजपा खेमे में राजनीतिक परिदृश्य कुछ ओर ही देखने मिल सकता है!
अब मजे की बात ये है कि इतने बड़े ओहदे पर बैठे मंत्रियों और उनके समर्थकों के द्वारा की जा रही राजनीति का आनंद जनता घर बैठे ले रही है.! लेकिन इस बढ़ते राग द्वेष से जिले में दो मंत्रियों का आपस में इस तरह की राजनीति करना क्या जिले को लाभ देगा या जिला ओर उसमें होने वाला संभावित विकास आगामी 5 साल इस राजनीति की भेंट चढ़ जाएगा..! अब देखने वाली बात ये होगी कि भाजपा कब और किसे नरसिंहपुर जिला अध्यक्ष घोषित करती है..?