साहित्यिक हिंदी को प्राथमिकता देते हुए मां सरस्वती राष्ट्रीय मंच पर भव्य तरीके से संपन्न हुआ काव्य गोष्ठी का कार्यक्रम
नई दिल्ली: संवाददाता प्रेरणा बुड़ाकोटी: माँ सरस्वती राष्ट्रीय काव्य मंच भारत के पावन पुनीत पटल पर सभी साहित्यकार साहित्य समाज का दर्पण है, साहित्यकार अपनी रचनाओं में भावनात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से विचारों को व्यक्त करता है और समाज को एक नई दिशा देने का काम करता है, इस मंच का उद्देश्य है कि हमारे साथियों की छुपी हुई भावनाओं को हम एक मंच देकर अभिव्यक्ति के अवसर उपलब्ध करायें,इसी को ध्यान में रखते हुए आगामी दिनांक 08/12/2024 रविवार अपना घर विषय पर आधारित काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। सहभागिता के लिए अनुभवी साहित्यकारों उपस्थित रहे। जिनके नाम इस प्रकार हैं; मुख्य अतिथि के रूप में श्री भारत भूषण वर्मा, अध्यक्ष मीरा सक्सेना माध्वी, कार्यक्रम समन्वयक डॉ ऋषिका वर्मा, विशिष्ट अतिथि उर्मिला कुमारी, कार्यक्रम प्रचारक प्रेरणा बुड़ाकोटी, कार्यक्रम संरक्षिका श्रीमती माला सिंह, कार्यक्रम संयोजक एवं पटल सह संस्थापक अलंकरण अधिकारी श्री रतिराम गढ़ेवाल, पटल संस्थापक श्री महेश प्रसाद शर्मा , मंच संचालन सुनंदा गावंडे उपाध्यक्ष, शिल्पा अनुपम गुप्ता, डॉ राम निवास तिवारी, नीरजा वर्मा, डॉ कुमारी चंदा देवी, डॉ बी एल सैनी, डॉ निराला पाठक, डॉ महेश तिवारी, श्री पुहुप राम यदु मोपर, श्री मनीष कुमार शर्मा, मीरा सक्सेना माध्वी, डॉ अर्चना पाण्डेय भिलाई, श्रीमती बी यदु, श्री संजय जैन बीना, डॉ अम्बे कुमारी, डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी, डॉ मधुसूदन तिवारी, डॉ देवी दीन अविनाशी, डॉ नताशा कुशवाहा नीति, नाहिदा शाहीन। कार्यक्रम में सभी की प्रस्तुति बहुत ही शानदार और प्रेरणादायक रही। विषय आपका घर में सभी के काव्य और विचार का अंतिम सार ये रहा की मकान का निर्माण ईंट सीमेंट, रेत पत्थर और महंगे मार्बल्स आदि से बनाकर होता है, जबकि वास्तविक व्यक्तियों के समूह एक दूसरे के प्रति सकारात्मक ऊर्जा, प्रेम, सम्मान, संस्कारों द्वारा घर की स्थापना होती है। एक मकान मालिक की ख्वाहिश का स्थान हो सकता है, लेकिन घर केवल वह स्थान है जहाँ परिवार के सभी सदस्य मिलकर एक साथ रहते हैं। यह वह स्थान है जहां स्नेह, गर्मजोशी और अपनापन होता है। जिसके निवास में ये महत्वपूर्ण भावनाएँ न हों, उसे घर न कहा जा सकता। घर सभी की भावनाओं के साथ गहराई से जुड़ा हुआ स्थान है। अंत में सभी ने एक दूसरे के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुऐ कार्यक्रम को संपन्न किया।