विश्व सर्वभाषा कवि सम्मेलन में छपरा की बेटी डॉ. ममता मनीष सिन्हा शामिल!
सारण (बिहार) संवाददाता संजीव शर्मा: छपरा की बेटी प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय कवयित्री डॉ. ममता मनीष सिन्हा को प्रसार भारती आकाशवाणी दिल्ली द्वारा आयोजित विश्व के सबसे बड़े सर्वभाषा कवि सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है। यह कार्यक्रम 18 दिसंबर से 19 दिसंबर 2024 तक आकाशवाणी मुंबई, महाराष्ट्र में आयोजित होगा। डॉ ममता मनीष सिन्हा का मायका श्याम चक, छपरा है। इनकी प्रारम्भिक तथा उच्च शिक्षा राजेंद्र कॉलेजिएट एवं राजेंद्र कॉलेज से हुई है।
डॉ. ममता मनीष सिन्हा का चयन संथाली भाषा की अनुवादिका के रूप में हुआ है। उल्लेखनीय है कि 21 भाषाओं के चयनित कवियों द्वारा कविताओं का हिंदी अनुवाद प्रस्तुत किया जाएगा। कार्यक्रम अधिकारी, रामावतार बैरवा ने बताया कि "डॉ. ममता मनीष सिन्हा का चयन उनकी उत्कृष्ट साहित्यिक प्रतिभा और संथाली भाषा पर उनकी गहरी पकड़ को देखते हुए किया गया है।"
ज्ञातव्य है कि डॉ. ममता हिंदी, भोजपुरी के अलावें संथाली, नागपुरी, खोरठा एवं मैथिली भाषा में भी लिखती हैं। वह न केवल एक प्रतिष्ठित कवयित्री हैं, बल्कि कुशल मंच संचालिका और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। वह कौशल विकास परियोजना अन्तर्गत गुगन नीटवेयर प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से बिहार और झारखंड की ग्रामीण महिलाओं को रोजगार प्रशिक्षण प्रदान करने के क्षेत्र में काम कर रही हैं। इसके अलावा, वह महिलाओं और दिव्यांगजनों की शिक्षा, सुरक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों के समाधान हेतु विभिन्न क्षेत्रीय एनजीओ के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं।
डॉ. ममता मनीष सिन्हा ने कहा कि "झारखंड और बिहार का विश्व पटल पर प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात है। यह अवसर मेरे दोनों राज्यों के साहित्य और संस्कृति को नई पहचान देगा।"
पिछले 68 वर्षों से आकाशवाणी द्वारा इस कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, और डॉ. ममता का इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम के लिए चयन बिहार और झारखंड के साहित्य जगत के लिए गौरव का विषय है। छपरा की बेटी डॉ. ममता पूर्व में भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त कर चुकी हैं। उनके इस प्रतिष्ठित सम्मान पर छपरा जिले के साहित्य प्रेमियों में हर्ष और गर्व का माहौल है।