वनवास के कितने चौदह बरस?
✍️किरण बरेली
राम वनवास   की  स्मृतियों के साथ
 अंतस में   एक प्रश्न  जगाए
और वनवास  के  कितने चौदह  बरस??
 कुछ सुखद स्वप्न  थे  आंखों  में 
जीने के  हुनर  तलाशा हाथों ने 
मैं  खो गयी  कर्म  की  बस्ती चौपालों में 
बिखर गई  मोलभाव के  बाजारों में 
अब खोजा करती  हूँ अपने  बचपन को
गैरो के   उत्सव त्योहारों में 
शायद कभी  मिल जाए बचपन 
सुनसान वीरान  गलियारो में।

