गोपालगंज में माइक्रो फाइलेरिया के जाँच के लिए शुरु हुआ नाईट ब्लड सर्वे!
• जिले के प्रत्येक प्रखंड में बनाया गया दो-दो साइट
• प्रत्येक साइट पर 300 लोगों का लिया जायेगा ब्लड सैंपल
• चार दिनों तक चलेगा नाईट ब्लड सर्वे
गोपालगंज (बिहार): गोपालगंज जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत माइक्रो फाइलेरिया के जाँच के लिए नाईट ब्लड सर्वे की शुरुआत की गयी है। इसके लिए जिले के सभी प्रखंड में दो दो साइट बनाया गया है। जिसमे एक सेंटीनल और एक रैंडम साइट बनाया गया है। साइट का निर्धारण फाइलेरिया के मरीजों के संख्या के आधार पर किया गया है। इस दौरान माइक्रो फाइलेरिया के जाँच के लोगों का ब्लड सैंपल कलेक्ट किया जा रहा है। विजयीपुर प्रखंड के अहियापुर स्थित सेंटीनल साइट आंगनवाड़ी केंद्र -5 के पास इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का आगाज फैलेरिया रोगी महेंद्र राम द्वारा रक्त नमूना लेकर किया गया।
कार्यक्रम के दौरान, आशा कार्यकर्त्ता एवं जीविका सदस्यों ने दिनभर समुदाय के लोगों को नाईट ब्लड सर्वे के महत्व और इसके उद्देश्य के बारे में जागरूक किया। इसके साथ ही, पहले से सीएचओ प्रिया कुमारी ने सामुदायिक स्तर के सभी हितधारकों की बैठक आयोजित की थी, जिसमें नाईट ब्लड सर्वे के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई थी। इसमें पिरामल और सिफार संस्था के द्वारा सहयोग किया जा रहा है।
20 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों का ब्लड सैंपल लिया जायेगा:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सुषमा शरण ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे के दौरान 20 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों का ब्लड सैंपल लिया जायेगा।सामान्य व्यक्ति के शरीर में माइक्रो फाइलेरिया की पहचान रात में ही हो सकता है। क्योंकि रात में ही किसी व्यक्ति का शरीर आराम की अवस्था में रहता है। ऐसे समय में ही शरीर में उपलब्ध माइक्रो फाइलेरिया खून में एक्टिव अवस्था में होते हैं। इस समय जांच करने से उनमें शामिल माइक्रो फाइलेरिया की पहचान हो सकती है. जिसे मेडिकल सहायता प्रदान करते हुए सुरक्षित किया जा सकता है।
1 सेंटिनल तथा 1 रैंडम साइट बनाया गया:
जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार अमित कुमार ने बताया कि जिले में प्रत्येक प्रखंड में 1 सेंटिनल तथा 1 रैंडम साइट बनाया गया है। यह साइट माइक्रो- फाइलेरिया के मरीजों के संख्या के आधार पर बनाया गया है। प्रत्येक साइट पर 300 लोगों का सैंपल लिया जाना है। चार दिनों में प्रत्येक साइट पर 20 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों का सैंपल कलेक्शन किया जायेगा और जांच किया जायेगा कि उनके शरीर में माइक्रो- फाइलेरिया है या नहीं।