भैया दूज का पर्व संपन्न, महापर्व छठ पूजा की तैयारी जारों पर!
सारण (बिहार) संवाददाता संजय पाण्डेय: दीपावली और भैया दूज का पर्व संपन्न होने के साथ ही चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा की तैयारी जारों पर है। महापर्व छठ पूजा अनुष्ठान की शुरुआत मंगलवार से नहाय खाय के साथ होगी। छठ पूजा के प्रसाद बनाने के लिए गांव व मुहल्ले की छठव्रती महिलाएं मिट्टी की चूल्हा बनाने के काम में जुट गई है। माना जाता है कि मिट्टी से बनाए चूल्हे पर इस महापर्व में पकवान बनाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। इन चूल्हों पर ही छठ महापर्व के दौरान नहाय खाय, खरना व अर्घ्य अर्पण करने के लिए विभिन्न तरह के पकवान बनाए जाते है।
छठव्रती महिलाओं ने बताया कि पर्व की पवित्रता कायम रखने के लिए चूल्हा के निर्माण के लिए शुद्ध मिट्टी का उपयोग किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं चूल्हा बनाने की तैयारी में जुटे हुए है। इसके लिए घर-घर के अलावा विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर भी महिलाओं के द्वारा छठ पूजा का मांगलिक गीत गाते हुए चूल्हे का निर्माण किया जा रहा है। व्रतियों ने बताया कि छठ महापर्व में शुद्धता पर विशेष ध्यान रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि मिट्टी के बने चूल्हे और आम की लकड़ी से जली आग से बनी प्रसाद को पवित्र माना गया है। इसलिए छठ पूजा में मिट्टी के चूल्हे का विशेष महत्व है। छठ के प्रसाद बनाने के पूर्व व्रती इस चूल्हे व अग्नि का विधिवत पूजन कर अर्घ्य देने के लिए प्रसाद तैयार करती है। जिसकी महत्ता चिरकाल से प्रख्यात है।