झूठे केस में फंसाने और अवैध वसूली करने वाले दोनों पुलिसकर्मी हुए सस्पेंड!
सारण (बिहार) संवाददाता मनोज कुमार सिंह: माँझी थाना क्षेत्र के मरहा से शराब तस्करी के आरोप में माँझी थाना पुलिस द्वारा कथित रूप से मारपीट करने के बाद हिरासत में लिए गए कोपा के तीन युवकों की शिकायत की जाँच करने पहुँचे एकमा के डीएसपी ने माँझी में पदस्थापित एक प्रशिक्षु दारोगा एवम एक एएसआई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एएसआई पप्पू कुमार को पुलिस द्वारा तत्काल ही गिरफ्तार कर लिया गया जबकि प्रशिक्षु दारोगा ओम प्रकाश साह पुलिस को झांसा देकर थाना परिसर से फरार होने में सफल रहे। हालाँकि सोमवार को श्री साह द्वारा छपरा न्यायालय में आत्म समर्पण कर दिए जाने की खबर है। वहीं अब पुलिस अधीक्षक ने दोनों को निलंबित कर दिया है।
क्या है मामला?
बताते चलें कि कोपा थाना क्षेत्र के साधपुर निवासी जनक यादव ने सारण के एसपी कुमार आशीष से मिलकर उक्त दोनों पुलिस पदाधिकारियों पर आरोप लगाया था कि उनलोगों ने उसके साथ मारपीट करके हिरासत में लिया था तथा शराब के झूठे केस में कथित तौर पर फंसा देने की धमकी देकर थाना के सामने स्थित फोटो स्टेट की एक दुकान संचालक के पे फोन के माध्यम से 27 हजार रुपये लेकर दोस्त सहित जनक यादव को भी छोड़ा था। शिकायत के आलोक में एसपी ने एकमा के डीएसपी राज किशोर सिंह को मामले की जाँच का निर्देश दिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस पदाधिकारियों पर लगे आरोपो की प्रथमदृष्टया सत्यता की पुष्टि होने के बाद यह कार्रवाई की गई।
विधायक ने बताया: मामला है गंभीर!
इधर आम लोगों में इस बात की व्यापक चर्चा है कि पीड़ित जनक यादव माँझी के माकपा विधायक डॉ सत्येन्द्र यादव से मुलाकात करने के बाद उनके ही सलाह पर सारण के एसपी से मिला था तथा विधायक ने एसपी को फोन करके मामले को गम्भीर बताते हुए इसपर त्वरित संज्ञान लेने का आग्रह किया था।
रविवार को लगभग आठ घण्टे तक चले हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद सोमवार को एएसआई पप्पू कुमार को जेल भेज दिया गया। माँझी थाना परिसर में दिन भर अफरा तफरी का माहौल बने रहने की सूचना पाकर थाना क्षेत्र के लोग रात भर बेचैन रहे। लोगों को इस बात की आशंका थी कि थाना पुलिस के अस्त ब्यस्त रहने से अपराधी किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम दे सकते हैं। हालाँकि थानाध्यक्ष अमित कुमार ने सूझबूझ का परिचय देते हुए रात्रि गश्ती को सशक्त बना दिया और अपराधी अपने मंसूबे में सफल नही हो सके।
इस बीच माँझी के विधायक ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्थानीय पुलिस पर नामजद से मिलीभगत करके मामले की लीपापोती कर आरोपी पुलिस पदाधिकारियों को बचाने की शिकायत की है। विधायक ने सारण जिला प्रशासन को पत्र भेजकर एसडीपीओ स्तर के किसी अन्य अनुमंडल में तैनात पुलिस पदाधिकारी से मामले की निष्पक्ष जाँच कराने तथा दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करने की माँग की है।
माँझी थाना पुलिस पर पहले भी लगे है आरोप!
23 सितंबर वर्ष 2011 में माँझी थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार एक महिला से पुलिसकर्मियों द्वारा सामूहिक बलात्कार की शिकायत किये जाने के बाद माँझी थाना के वर्तमान थानाध्यक्ष समेत थाने में पदस्थापित पुलिसकर्मियों का एसपी ने सामूहिक तबादला किया था और चंद घण्टों बाद ही पुलिस लाइन से पुलिस पदाधिकारियों एवम पुलिसकर्मियों की नए सिरे से तैनाती की गई थी। माँझी के तत्कालीन थानाध्यक्ष कपुरनाथ शर्मा सहित अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ तब एसएफआई के छात्र नेता रहे एवम वर्तमान के माकपा विधायक डॉ सत्येन्द्र यादव ने अपने सैकडों समर्थकों के साथ माँझी थाना का अनिश्चितकालीन घेराव एवं प्रदर्शन करके जिले के पदाधिकारियों को सामूहिक स्थानांतरण के लिए विवश कर दिया था। 13 वर्ष पूर्व घटित घटना को माँझी के लोग आज भी चर्चा करते हैं।