जनता का पैसा हुआ व्यर्थ: लाखों का मनरेगा ग्रीन पार्क, किस काम का? उद्घाटन के बाद से ही लगा है ताला!
सारण (बिहार) संवाददाता संजीव शर्मा: माँझी प्रखंड मुख्यालय परिसर में तीन वर्ष पूर्व आठ लाख की लागत से निर्मित मनरेगा ग्रीन पार्क बेमानी साबित हो रहा है। हरियाली के बीच कर्मचारी पदाधिकारी व आसपास के लोगों के स्वास्थ्य सम्वर्धन के उद्देश्य से निर्मित ग्रीन पार्क के प्रवेश द्वार पर अबतक ताला लटका पड़ा है।
माँझी प्रखंड मुख्यालय परिसर में बने ग्रीन पार्क की चारदीवारी के भीतर लोगों के स्वास्थ्य को अनुकूल रखने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे भी लगाए गए थे जो या तो सुख गए अथवा सूखने के कगार पर हैं। बता दें कि पार्क में बैठने के लिये सीमेंट का बेंच भी बनाया गया है। पार्क के भीतर दीवालों पर आकर्षक पेटिंग कर जागरूकता सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियां भी दिखाई गई है। इसके अलावा वॉकिंग स्टॉल भी बनाया जाना है जिस पर लोग सुबह शाम भ्रमण कर सकेंगे। साथ ही पार्क में बैठकर लोग व्यायाम और योगासन भी कर सकें।
विडम्बना यह है माँझी के विधायक द्वारा इस ग्रीन पार्क के उदघाटन के महज एक वर्ष के बाद से ही मुख्य गेट पर ताला लटक गया। रख रखाव के अभाव में पार्क के अंदर लगे सभी पौधे सुख गये। दीवालों पर लोगों को आकर्षित करने वाली महंगी पेटिंग भी झरने लगी है। आज पार्क के भीतर दो फुट लंबे घास उग आए हैं।
सुबह सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों ने बताया कि इतना पैसा खर्च करने के बाद भी पार्क में ताला लटका हुआ है। जब कि बगल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ब्यायाम के लिये एक से बढ़ कर एक उपकरण लगाए गए हैं। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि प्रखंड मुख्यालय में रह रहे पदाधिकारी को यह ग्रीन पार्क दिखाई ही नही देता।