कविवर विमल राजस्थानी के जन्मोत्सव पर भव्य कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन!
बेतिया (बिहार): दिव्यालयः एक व्यक्तित्व परिचय में कृतिशेष कविवर विमल राजस्थानी का 103 वाँ जन्मोत्सव मंगलवार को दोपहर तीन बजे से दिव्यालय के आभासी पटल और बेतिया उनके निवास स्थान पर उनकी पौत्री व्यंजना आनंद मिथ्या द्वारा एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें प्रख्यात व प्रबुद्ध कविवृंदों को एक ही मंच पर आमंत्रित कर कार्यक्रम को अनुपम स्वरूप प्रदान किया। यह कार्यक्रम दिल्ली के विशिष्ट कवि अर्जुन नारायण सिंह, सेवानिवृत्त आपूर्ति पदाधिकारी व मुहम्मद सुलेमान सर, सेवानिवृत्त एडिशनल कलेक्टर की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। साथ ही दिव्यालय पटल की संस्थापक व्यंजना आनंद मिथ्या, उप सचिव किशोर जैन किसलय, के अलावा अन्य गणमान्य कविवर शय्यद अब्दुल माजिद दादा बेतिया, प्रोफेसर परमेश्वर भक्त, बेतिया, डाॅ. गोरख प्रसाद मस्ताना, बेतिया, तात्विक सुरजीत सक्सेना दिल्ली, दिल्ली, डाॅ. राजेश कुमार चंदेल, बेतिया, डाॅ. जफर ईमाम, बेतिया, कृष्ण मोहन 'हिन्दू', पुष्पा निर्मल, डाॅ. कवि कुमार निर्मल, बेतिया, मुहम्मद सुलेमान, पटना भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ में व्यंजना आनंद मिथ्या ने सभी विशिष्ट अतिथियों कविवंदों का स्वागत करते हुए किया एवं लंदन के किशोर जैन किसलय व रीता लोधा 'रिक्ता' का परिचय देते हुए कार्यक्रम के आरंभ की विधिवत घोषणा की। तत्पश्चात् कार्यक्रम संचालन का दायित्व रीता लोधा रिक्ता व किशोर जैन जी ने बहुत ही कुशलतापूर्वक निर्वहन किया।
सभी उपस्थित मनीषियों का यथास्थान स्वागत कर सर्वप्रथम शंखनाद के लिए कविवर विमल राजस्थानी जी की पुत्रवधू पुष्पा निर्मल जी को मंच पर आमंत्रित किया गया, जिन्होंने अतुल शंखनाद कर कार्यक्रम का ख़ूबसूरत आग़ाज़ किया। कार्यक्रम में बेतिया के सभी कवि एकत्रित हो विमल राजस्थानी जी के निवास पर ही मना रहे थे।
तदुपरांत कविवर जी के पुत्र डॉ. कवि कुमार निर्मल और उपस्थित सभी कवि के कर-कमलों द्वारा दीप-प्रज्वलित किया गया एवं उनकी ही पौत्री व्यंजना आनंद मिथ्या ने अपनी सुमधुर वाणी में अपने दादा जी की लिखी रचना से माँ शारदे की वंदना कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम अध्यक्ष की अनुमति से भव्य कवि सम्मेलन का आरंभ किया गया जिसमें आमंत्रित विख्यात कवियों ने कविवर विमल राजस्थानी जी की अनुभूति से लाजवाब काव्य-पाठ कर अद्भुत सुरों का रसास्वादन करवा कर आनंद के महासमंदर में डूबकी लगवा दी। संचालक द्वय रीता लोधा रिक्ता व किशोर जैन किसलय ने अपने लाजवाब संचालन से सबका मन मोह लिया। समूचा कार्यक्रम इतना सुंदर व मनमोहक था कि प्रतीत होता था, जिसमें सिर्फ और सिर्फ विमल जी के कृति को याद किया गया। सबका एक हीं कहना था बहुमुखी प्रतिभा के धनी विमल जी साहित्य जगत के एक जगमगाते सितारा थे अब ऐसे व्यक्तित्व के साहित्यकार नहीं आते। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण यूट्युब चैनल व्यंजना आनंद काव्य धारा पर सुरक्षित हैं, जहाँ से भी लोगों ने जुड़कर कवि को श्रद्धासुमन अर्पित किए। अंत में व्यंजना आनंद मिथ्या ने अपने दादा की अनुभूतियों को व्यक्त करते हुए सबका धन्यवाद ज्ञापन कर कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।