सातवें दिन मॉं कालरात्रि के पूजन के साथ खुला पट, दर्शन को जुटें भक्त!
सारण (बिहार) संवाददाता सत्येन्द्र कुमार शर्मा: भक्त सार्वजनिक स्थलों पर स्थापित मॉं दुर्गा के प्रतिमाओं का पट खुलते ही दर्शन पूजा अर्चना करने के लिए भारी संख्या में जुटे। दूर्गा के विभिन्न रुपों की पूजा अर्चना करने के उपरान्त सातवें दिन पट खोलने की परंपरा रही है। उनके पूजन का मंत्र
" एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥"
को पूजा समिति के पुरोहित द्वारा यजमान के साथ परंपरागत ढ़ंग से स्मरण करते कराते हुए ध्वनि विस्तारक यंत्र से प्रसारित किया गया जिससे सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय गुंजायमान हो उठा। कालरात्रि के शरीर का रंग घने अन्धकार की तरह एक दम काला है। बाल बिखरे हुए हैं। गले में बिजली की तरह चमकने वाला माला है। इन्हें तीन नेत्र हैं। इनके नांक से अग्नि की भयंकर ज्वाला निकलता है।इनक वाहन गदहा है। माँ दुर्गा की सप्तम स्वरूप दुष्टों का संहारक है।भक्त भगवती माँ कालरात्रि से प्रार्थना करते है कि उन्हें असीम शक्ति, अभयता एवं आरोग्यता का वरदान मिले। आज अहले सुबह से ही बनियापुर, पुछरी, कोल्हुआं, मेढ़ुका,सहाजितपुर, मानोपाली आदि स्थानों पर भक्तों की भीड़ काफी संख्या में रही।