रतन टाटा: सतयुग पुरुष की विदाई हो गई!
(कविता के द्वारा श्रद्धांजलि)
✍️ संजय जैन "बीना" मुंबई
देखो लोग कलयुग से आज
सतयुग पुरुष की विदाई हो गई।
जो जीता और मरता था
बस भारत देश के लिए।
जिसने पिन और नामक से लेकर
हवाई जहाज तक बनाकर दिखाया।
ऐसे महान पुरुष श्री रतन को
श्रध्दा सुमन अर्पित करता हूँ।।
जीवन का उनका जो लक्ष्य था
उसको उन्होंने सदा पूरा किया।
मानवता की ह्रदय पर भी
लोगों को उन्होंने अभिदान दिया।
कितना क्या कुछ किया उन्होंने
ये तो उनको भी नही पता था।
पर भारतीयों को विश्व-स्तर पर
उन्होंने सदा ही स्थापित किया।।
सादा जीवन उच्चविचारों के साथ
जीते थे वो अपना यह जीवन।
हर वर्ग का ध्यान वो रखकर
करते थे नये नये अविष्कार।
इसलिए तो लखटकिया कार का
किया भारत में सपना साकार।
विश्व-स्तर के बड़े-बड़े देशो ने भी
सदा किया उनका गुणगान।।
संजय ऐसे सयंमी महापुरुष को
दिल से देता श्रध्दांजलि श्रध्दांजलि।।
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