अंतर्राष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी रचना दर्शन मंच पर मनाया गया शिक्षक दिवस!
ऑनलाइन कार्यक्रम (बिहार): रचना दर्शन मंच पर भव्य एवं शानदार ऐतिहासिक कार्यक्रम शिक्षा के बदलते आयाम विषय पर अंतरराष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया।
रचना दर्शन मंच द्वारा आयोजित शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर 5 सितंबर को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में बिहार के मुजफ्फरपुर की संस्था रचना दर्शन के मंच पर पुनः अंतरराष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी कार्यक्रम के वर्चुअल आयोजन किया गया। अभिभावकों और बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने के लिय यह विषय बहुत ही प्रासंगिक है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त व्यक्तित्व हमारे विषय विशेषज्ञ के रूप से उपस्थित थे।सभी वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये।
सभा अध्यक्ष प्रोफेसर एस.पी गर्ग ने वर्चुअल संबोधित करते हुए कहा है कि इस दिन हम शिक्षकों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करते हैं। शिक्षक ही वे मार्गदर्शक होते हैं, जो हमें सही दिशा दिखाते हैं। हमारे ज्ञान को बढ़ाने का काम करते हैं। हमें जीवन के कठिन मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। वक्ता प्रोफेसर डॉ जनक सिंह मीणा ने वर्चुअल संबोधित करते हुए कहा है कि आपका दिन उन सभी लोगों के प्रति सराहना और प्रेम से भरा हो, जिनके जीवन को आपने छुआ है। आपको शिक्षक दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं! -शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं उस व्यक्ति को, जिसने मुझे न केवल विषय सिखाया, बल्कि जीवन के बहुमूल्य सबक भी सिखाए।
वहीं वक्ता विजय कुमार सांवलिया ने वर्चुअल संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक ही वे होते हैं जो छात्रों को उनके जीवन के सभी क्षेत्रों में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने में उनकी सहायता करते हैं। उनके मार्गदर्शन के कारण छात्र सही और गलत के बीच अंतर करना सीखते हैं।
इसी क्रम में रचना दर्शन मंच के संस्थापक रजनी प्रभा ने वर्चुअल संबोधित करते हुए कहा कि एक अच्छा शिक्षक मोमबत्ती की तरह होता है - वह दूसरों के लिए रास्ता रोशन करने के लिए खुद को जला देता है।' शिक्षण को हमेशा एक महान पेशे के रूप में माना जाता रहा है। कोई भी अच्छा शिक्षक अपनी सफलता और प्रयास के बारे में नहीं सोचता। वे हमेशा अपने छात्रों के वर्तमान और भविष्य को ध्यान में रखते हैं।
इस कार्यक्रम में सभा अध्यक्ष - प्रो.एस.पी. गर्ग (शिकागो) अंतरराष्ट्रीय वक्ता-प्रो. डॉ.जनक सिंह मीणा, केंद्रीय विश्वविद्यालय गुजरात, प्रधान संपादक -अरावली उद्घोष पत्रिका। वक्ता-डॉ. विजय कुमार सावलिया, ब्रांड एंबेसडर सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स, यूएनओ अंतरराष्ट्रीय समन्वयक -भारत माता अभिनंदन संगठन मौजूद रहे।।सभी विद्वत जनो के मंतव्य में एक समानता दृष्टिगत हुई कि विद्यार्थियों में वैदिक ज्ञान की जानकारी अति आवश्यक है, जो भारतीय संस्कृति का परिचायक है।
कार्यक्रम का मंच संचालन - प्रो. डॉ.शैलजा रोला, व्याख्याता, बी एम एस कॉलेज, कॉमर्स एंड मैनेजमेंट, बैंगलोर संस्थापक-रजनी प्रभा मिडिया प्रभारी - रजनीकांत गिरि, स्वागत भाषण-गुलाबचंद पटेल, अध्यक्ष भारत माता अभिनंदन संगठन, गुजरात इकाई सरस्वती वंदना -संध्या सिंह पुणे ने किया। वहीं धन्यवाद ज्ञापन -रजनी प्रभा ने दिया। आज की संगोष्ठी में देश विदेश के साहित्यकार, समजसेवी, कवि , कवयित्री , लेखक, आदि ने अंतरराष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी कार्यक्रम में विषय शिक्षा के बदलते आयाम पर अपनी सुन्दर रचनाओ की प्रस्तुति दी गई।वही। उन्होंने अंत में बताया कि हमारी आगामी प्रस्तुति “वैदिक साहित्य”पर आयोजित की जाएगी।