परिवार नियोजन को लेकर आंगनबाड़ी केंद्र पर लगाई गयी चौपाल!
चौपाल में स्थाई और अस्थाई गर्भ निरोधक साधनों की लगाई गई प्रदर्शनी!
परिवार नियोजन से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा: बीसीएम
सारण (बिहार): स्वास्थ विभाग की ओर से परिवार नियोजन पखवाड़ा का आयोजन (11 से 31 जुलाई) किया गया है, जिसको लेकर परसा प्रखंड के माड़र पंचायत अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 136 और 152 पर स्थानीय पोषक क्षेत्र के ग्रामीणों को परिवार नियोजन से संबंधित जागरूक करने के उद्देश्य से चौपाल का आयोजन किया गया। इस संबंध में परसा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य उत्प्रेरक (बीसीएम) सपना कुमारी ने कहा कि परिवार नियोजन से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई, जिसमें मुख्य रूप से मां एवं बच्चों के स्वास्थ्य को परिवार नियोजन के माध्यम से कैसे स्वस्थ्य रखा जाए। इससे संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही यह भी बताया गया कि लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष में होनी चाहिए, तथा उसका पहला बच्चा 20 वर्ष में, जबकि दो बच्चो में तीन साल का अंतर एवं दो बच्चों के बाद स्थाई साधन एवं नए योग्य दंपतियों के लिए अस्थायी साधन के इस्तेमाल पर चर्चा की गई। इस कार्यक्रम के अलावा लोगो को बच्चो में डायरिया के संक्रमण से बचाव के लिए भी जागरूक किया गया।
विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपती कि शान कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न तरह के कार्यक्रम का किया जा रहा है आयोजन: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपती कि शान कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के विभिन्न क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग और कई अन्य सहयोगी संस्थाओं के सहयोग से परिवार नियोजन से संबंधित तरह- तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। ताकि बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाई जा सके। विभागीय सूत्रों के अनुसार एनएफएचएस के आंकड़ों के मुताबिक जिले में पांच साल के दौरान नियोजन से संबंधित उपाय अपनाने वाले परिवार की संख्या में 20 फीसदी वृद्धि हुई है। वहीं जिले में 15 से 49 वर्ष के बीच मां बनने वाली 46 फीसदी महिलाएं किसी न किसी नियोजन उपायों को अपनाती हैं। जिसमें 42 फीसदी महिलाएं नियोजन के लिए आधुनिक तरीकों पर विश्वास करती हैं। स्थायी नियोजन के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ कर 36 प्रतिशत तक पहुंच गया है। हालांकि वर्तमान में 0.1 प्रतिशत महिलाएं आईयूपीडी, पीपीआईयूडी का इस्तेमाल करती हैं। वहीं 0.9 फीसदी महिलाएं गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक नियोजन के लिए लगभग 05 फीसदी कंडोम या गर्भ निरोधक इंजेक्शन का इस्तेमाल होता है।
परिवार नियोजन स्वस्थ और समृद्ध परिवार के लिए मजबूत स्तंभ: एमओआईसी
परसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुमन कुमार ने बताया कि दस्त के दौरान दो माह से छः माह तक के बच्चो को 10mg और छः माह से लेकर पांच साल तक के बच्चो को 20mg जिंक 14 दिनों तक लगातार देना होगा।यह भी बताया गया कि परिवार नियोजन स्वस्थ और समृद्ध परिवार के लिए मजबूत स्तंभ है। क्योंकि यह परिवार का आकार छोटा रखने, दो बच्चों के बीच पर्याप्त अंतर रखने का सुलभ व आसान माध्यम है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन से संबंधित सभी तरह की आवश्यक सुविधाएं लोगों को निःशुल्क उपलब्ध रहती हैं। जिस कारण हाल के दिनों में परिवार नियोजन सेवाओं के प्रति लोगों का विश्वास काफ़ी बढ़ा है। वहीं स्थाई साधनों के साथ गर्भ निरोध के अस्थाई साधनों को अपनाने में भी काफी तेजी आई है।
चौपाल में स्थाई और अस्थाई गर्भ निरोधक साधनों की लगाई गई प्रदर्शनी:
पीएसआई इंडिया के राजीव कुमार और पिरामल स्वास्थ्य के कुमार पीयूष द्वारा चौपाल में उपस्थित ग्रामीणों को संयुक्त रूप से परिवार नियोजन के कार्यक्रम से संबंधित अस्थाई और स्थाई साधन से होने वाले फायदे के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। वही सही समय पर गर्भधारण और बच्चो में अंतराल पर जोर दिया गया। परिवार नियोजन पखवाड़े में बताया गया है कि परिवार नियोजन के लिए अस्थाई साधन बहुत जरूरी है। साधन का सही समय पर उपयोग करने पर बच्चों में अंतराल तथा अनचाहा गर्भ से बचा जा सकता है। चौपाल में स्थाई और अस्थाई गर्भ निरोधक साधनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। ताकि आप लोग अपने इच्छा अनुसार इसका चयन कर सकते है। परिवार नियोजन के लिए सिर्फ बंध्याकरण ऑपरेशन स्थायी तरीका नहीं बल्कि अस्थायी तरीके जैसे- अंतरा, छाया, माला एन, पिल्स और निरोध भी बहुत अहम संसाधन के रूप में प्रचलित हुआ है। क्योंकि परिवार नियोजन स्वस्थ और खुशहाल जीने का तरीका है।
इस मौके पर प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक (बीसीएम) सपना कुमारी, पीएसआई इंडिया के राजीव कुमार और पिरामल स्वस्थ्य से कुमार पीयूष, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ में रीता कुमारी, रुचि कुमारी, आशा कार्यकर्ता सलोनी कुमारी और रानी कुमारी सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे।