सारण के संत स्वामी परमहंस दयाल जी महाराज के करोड़ों अनुयायी!
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: पाकिस्तान के टेरी में समाधिस्थ सारण के संत स्वामी परमहंस दयाल जी महाराज के करोड़ों अनुयायी हैं जो विश्व के 92 देशों में संचालित लाखों ब्रम्ह विद्यालय तथा आश्रमों से जुड़कर आध्यात्म की साधना कर रहे हैं। यह बातें बक्सर से पधारे परमहँस स्वामी के पंचम पादशाही स्वामी सत्यानन्द जी महाराज ने कही। रविवार को वे माँझी के नंदपुर ब्रम्हविद्यालय आश्रम में विभिन्न राज्यों से पधारे सैकड़ों अनुयायियों को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने दावा किया कि पिछले पांच हजार वर्षों में परमहँस दयाल जी महाराज के अलावा सारण का कोई दूसरा ख्यातिप्राप्त संत नही हुआ, जिनके अनुयायियों की संख्या विश्व स्तर पर करोड़ों में रही हो। उन्होंने कहा कि जिस संत की तपस्या तथा आदर्शों का गुणगान विश्व के 92 देशों में हो रहा है। उन्ही संत की जन्मस्थली सारण के लोगों ने उन्हें आज तक उन्हें पूरी तरह नही जाना। सारण के लोगों के लिए इससे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति और क्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि विपरीत विचारधारा से ताल्लुक रखने वाले पाकिस्तान के टेरी नामक स्थान पर भी उनकी समाधि वाले आश्रम परिसर में नौ जुलाई को आयोजित कार्यक्रम में लाखों अनुयायी शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि संत परमहंस दयाल स्वामी की जीवन से जुड़ी एवम सैकड़ों लेखकों द्वारा लिखीं पुस्तकें विभिन्न विश्वविद्यालयों में देश विदेश में पढ़ाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि संत परमहंस दयाल की तपस्या एवम उनके द्वारा स्थापित आध्यात्मिक सिद्धांतों का अनुपालन करके मानव परमात्मा एवम परम् शांति को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने मंगलवार की सुबह पांच बजे माँझी के नंदपुर आश्रम से प्रस्तावित परमहँस दयाल समाधि पदयात्रा कार्यक्रम में सारण के अधिकाधिक लोगों से सम्मिलित होने का आह्वान किया।
पदयात्रा में शामिल होने देश विदेश से अनुयायियों के आना शुरू।
स्वामी परमहँस दयाल समाधि पदयात्रा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश विदेश से अनुयायियों का आना शुरू हो गया है। सोमवार को दोपहर तक लगभग एक हजार अनुयायी पहुँच चुके थे जिन्हें आश्रम में बने अलग अलग कमरों तथा हॉल व बरामदे में ठहरने की ब्यवस्था की गई है। जबकि दो अलग अलग बड़े वाटरप्रूफ पंडाल बनाये गए हैं जिनमें तीन हजार से अधिक लोगों के ठहरने आदि की ब्यवस्था की गई हैं। अनुयायियों के मनोरंजन के लिए रविवार की रात प्रोजेक्टर।चलचित्र।के माध्यम से प्रसारित परमहंस दयाल स्वामी की जीवन से जुड़ी प्रमुख घटनाओं को प्रदर्शित किया गया। जबकि रविवार की रात गीत संगीत व भजन कीर्तन की प्रस्तुति के लिए गायक मंडलियों को आमंत्रित किया गया है। उधर पिछले चार दिनों से आश्रम परिसर में अनुयायियों के नाश्ता व भोजन के लिए लगातार भंडारा चलाया जा रहा है। सैकड़ों स्वयंसेवक आगंतुकों की ब्यवस्था में अनवरत लगे हुए हैं। आगंतुकों को समुचित पेयजल आपूर्ति के लिए चापाकल व बोरिंग के अलावा पानी वाले टैंक की भी ब्यवस्था की गई है। आश्रम के आसपास साफ सफाई एवम वाहन पार्किंग की ब्यवस्था में भी दर्जनों मजदूर लगाए गए हैं। समुचित प्रकाश, साउंड के अलावा बड़ी संख्या में एसी, कूलर व पंखों की ब्यवस्था की गई है। पदयात्रा कार्यक्रम के मद्देनजर आश्रम को दुल्हन की तरह सजाया गया है। आश्रम स्थल तक लोग माँझी के अलावा कोपा एवम बनवार के रास्ते भी पहुँच रहे हैं। नंदपुर, रसीदपुर सोनबरसा, माड़ीपुर तथा माँझी नगर पंचायत के बीचोबीच गंडक नहर के किनारे स्थित आश्रम में लोगों की आवाजाही से काफी चहल पहल देखी जा रही है।