बचपन का...
/// जगत दर्शन साहित्य
निश्छल, निर्मल, कोमल, पावन
प्यार भरा मन बचपन का...
कपट रहित भाउक मन भावन,
स्वार्थ रहित मन बचपन का...
ईर्ष्या द्वेष जहाँ नहीं फटके,
लोभ मोह में पाँव न अटके
जूल्म और ज़ालिम से बनी
संसार रहित मन बचपन का
केवल प्यार की भाषा जाने
नफरत को मन से नहीं माने
काम क्रोध की छाया और
व्यभिचार रहित मन बचपन का
बस ममता की बात समझती
मुस्कानों से नित्य सँवरती
नव कुसुमित, नव राग समर्पित
तान भरा मन बचपन का...
नव नव नवल नयन नव निर्झर
नव कुसुमित नव सुरभित तरूवर
सकल सृष्टि का सबल रूप
सुख सार सहित मन बचपन का
माँ के गोद बसे हरि जिसमें
माया मोह बसे नहीं जिसमें
जोड़ तो तोड़ से रहित समय
रसधार रहित मन बचपन का
निश्छल, निर्मल, कोमल, पावन
प्यार भरा मन बचपन का...
कपट रहित भाउक मन भावन,
स्वार्थ रहित मन बचपन का...
✍️ बिजेन्द्र कुमार तिवारी (बिजेन्दर बाबू)
पता: गैरतपुर, माँझी, सारण, बिहार
मोब नंबर: 7250299200