विश्व हिंदी परिषद के शैक्षणिक प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ की अध्यक्ष मनोनीत हुईं डॉ संगीता सिंह बनाफर!
नई दिल्ली/ विलासपुर : विश्व हिंदी परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. शकुंतला सरुपरिया ने पत्र जारी कर डॉ संगीता सिंह बनाफर को शैक्षणिक प्रकोष्ठ, छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि डॉ संगीता बनाफर परिषद के कारवां को आगे बढ़ाएंगी। देश-विदेश में हिंदी भाषा की प्रचार-प्रसार को गति प्रदान करेंगी।
इस अवसर पर महान स्तंभकार एवं परिषद के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. विपिन कुमार, उपाध्यक्ष डीपी मिश्रा, राष्ट्रीय संपर्क समन्वयक डॉ नन्दकिशोर साह आदि दर्जनों लोगों ने उन्हें ने बधाई दिया है।
ज्ञात हो कि विश्व हिंदी परिषद का उद्देश्य भारतीय भाषाओं के माध्यम से हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करना है। विश्व हिंदी परिषद हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार की सेवा में वैश्विक संस्था है। सर्व कल्याण की भावना से परिषद की गतिविधियां कई देशों में संचालित है। विश्व हिंदी परिषद द्वारा डॉ संगीता बनाफर को शैक्षिक प्रकोष्ठ, छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष मनोनीत किए जाने पर हिंदी प्रेमियों में हर्ष व्याप्त है।
कौन है डॉ संगीता सिंह बनाफर
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की डॉ संगीता बनाफर एक स्वतंत्र लेखिका एवं कवयित्री हैं। लेखन संपादन में रूचि के साथ इनकी तीन संपादित पुस्तकें, संगिनी काव्य-संग्रह, "बस और निर्भया नहीं" "विकलांगता एक अनुशीलन"5 सहसंपादित पुस्तकें तथा 100 से अधिक रचनाएं राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। वे अनेक साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्थानों में सक्रिय रूप से जुड़ी हैं। इंटरनेशनल इनर व्हील क्लब की एक्जीक्यूटिव ऑफिसर है और वूमेन एंपावरमेंट पर काम करती हैं। समय समय पर ऑनलाइन काव्य गोष्ठियां एवं लाइव आयोजन करती रहती हैं। इन्हें कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा सम्मान प्राप्त हैं।
हिंदी के प्रचार प्रसार को उन्होंने अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है। हिंदी के संबंध में उन्होंने शायराना अंदाज में बताया कि "अभी तो बिगुल बजा है, प्रारब्ध के प्रारंभ का, नई चेतना के शंखनाद। नई सुबह के शुभारंभ का, अभी तो जीवन रथ में चढ़कर बन हिमालय श्रृंग शिखर पर विजय पताका फहराना है, अभी विराम हरगिज नहीं, हिंदी को विश्वपटल पर लाना है।"